एक रात अपनी जान की बाजी लगाकर वह मि. एडेनवाला (नसीरुद्दीन शाह) की जान बचाता है और उन्हें सुरक्षित उनके घर पहुँचाता है। सुभाष को इनाम में भारी रकम मिलने की लालसा जागती है। मि. एडेनवाला एक जमाने में प्रसिद्ध फिल्म निर्माता थे और इस समय बीमार हैं। सुभाष को वे अपने यहाँ ड्रायवर की नौकरी दे देते हैं। मि. एडेनवाला की पत्नी मल्लिका (नेहा धूपिया) खूबसूरत और जवान है। मि. एडेनवाला उसके प्यार में पागल हैं। मल्लिका ने यह शादी इसलिए की क्योंकि उसकी सारी नजर एडेनवाला की सम्पत्ति पर है।
मल्लिका के इरादों को सुभाष भाँप लेता है और उसे अमीर बनने का एक सुनहरा मौका हाथ लगता है। वह मल्लिका की पैसे हड़पने की योजना में शामिल हो जाता है। वे एक योजना बनाते हैं और इसे विश्वसनीय बनाने के लिए वे एडेनवाला के वकील (बोमन ईरानी) की मदद से बीमार एडेनवाला की देखभाल के लिए एक केयरटेकर (तारा शर्मा) की नियुक्ति कराते हैं।
अपनी योजना को अंजाम देने के लिए उन्हें कई तरह की रोमांचक परिस्थितियों से गुजरना पड़ता है। पूरी सतर्कता के बावजूद कुछ गड़बड़ी हो जाती है और इस बात की तहकीकात करने के लिए एसीपी गोखले (ओम पुरी) आते हैं।
सुभाष झूठ पर झूठ बोलता है और फँसता जाता है। कैसे वह अपनी गर्दन बचाता है, ये फिल्म का सार है।