निर्माता : सुनील शेट्टी, शब्बीर ई. बॉक्सरवाला, शोभा कपूर, एकता कपूर निर्देशक : सौरभ काबरा संगीत : चिरंतन भट्टकलाकार : संजय दत्त, उर्मिला मातोंडकर, अर्जुन रामपाल, मलाइका अरोरा खान, आशीष चौधरी, नेहा ओबेरॉय, कुलभूषण खरबंदा, मनोज जोशी, दयाशंकर पांडेलोन लेकर चीजें खरीदने की प्रवृत्ति इन दिनों जोरो पर है। चीजें खरीदो और ‘ईज़ी मंथली इंस्टॉलमेंट’ में पेमेंट करो। इसी को आधार बनाकर निर्देशक सौरभ काबरा ने ‘ई.एम.आई.’ का निर्माण किया है। फिल्म में चार कहानियाँ समानांतर चलती हैं, साथ ही एक ‘भाई’ भी है। ये भाई न केवल उन लोगों से पैसा वसूलता है, जो देने में आनाकानी करते है बल्कि उनकी निजी समस्याओं को भी सुलझाता है। एक अच्छी शुरुआत के बाद ‘ई.एम.आई.’ एक मसाला फिल्म में परिवर्तित जाती है। भाई एक अच्छे आदमी में बदल जाता है। पैसा वसूली करते-करते वह प्यार भी करने लगता है और इसे दिखाने के लिए बहुत सारा फुटेज बर्बाद किया गया है। कहानी जिस उद्देश्य को लेकर शुरु की गई थी, उससे वो भटक गई।
निर्देशक सौरभ काबरा ने विषय अच्छा चुना है, लेकिन इसके साथ वे न्याय नहीं कर पाए। कहानी का विस्तार भी ठीक से नहीं किया गया। संगीत भी बेदम है और कुछ गीत हटाए जा सकते हैं।
संजय दत्त ‘भाई’ के रूप में हमेशा अच्छे लगते हैं और इस फिल्म में भी ‘भाई’ के रूप में उनका फॉर्म बरकरार है। अर्जुन रामपाल और कुलभूषण खरबंदा का अभिनय भी अच्छा है। उर्मिला को ज्यादा अवसर नहीं मिला।
कुल मिलाकर ‘ई.एम.आई.’ निराश करती है।