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रूल्‍स ऑफ फ्रेंडशि‍प

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कहा जाता है कि इंसान की उम्र सालों से नहीं बल्कि उसके दोस्तों की संख्या से मापी जानी चाहिए। दोस्त बनाना और दोस्त बनना दोनों ही कुछ विशेषताओं की माँग करती है। अपनाइए कुछ सुझाव जो आपको अच्छे दोस्त बनना तो सिखाएँगे ही एक अच्छा दोस्त तलाशने में भी मदद करेंगे।

जीवन भर के लिए दोस्ती
किसी भी व्यक्ति से नई-नई दोस्ती करने या अपने किसी पुराने दोस्त के साथ अपनी दोस्ती को प्रगाढ़ करने के लिए आप सोच विचार का कुछ समय रखें। हड़बड़ा कर कोई भी कदम न उठाएँ, क्योंकि दोस्ती के नियम के अनुसार यदि आपने एक बार किसी को अपना दोस्त बना लिया, तो वह जीवनभर के लिए आपका दोस्त बन जाएगा।

पहल करें
अक्सर यह देखा गया है कि जहाँ छोटे बच्चे बहुत जल्दी से किसी के साथ भी घुलमिल जाते हैं और शीघ्र ही नए दोस्त बना लेते हैं, वहीं बड़े यह तक नहीं जान पाते हैं कि आखिर उनके पड़ोस में कौन रहता है? कारण यह होता है कि बच्चे बड़ों की अपेक्षा दोस्ती की डगर पर कदम बढ़ाने के मामले में कम आशंकित रहते हैं।

इसलिए बड़ों को भी दोस्ती के मामले में बच्चों से सीख लेनी चाहिए। अपने दिल और दिमाग के दरवाजे हमेशा खुले रखने चाहिए, आसपास आना-जाना चाहिए,पहली बार मिलने पर नए लोगों से भी खुद ही आगे बढ़कर अभिवादन और बातचीत करने से पीछे नहीं हटना चाहिए।

विनोदी हो स्वभाव
एक सच्चा दोस्त पाने के लिए एक इंसान को व्यावहारिक होने के साथ ही विनोदप्रिय भी होना चाहिए। विनोदप्रियता तो हर व्यक्ति के लिए आकर्षण का एक भाव पैदा करती है।

पॉजीटिव सोचें
हमेशा सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाते हुए बातें करें और अपने व्यवहार में सकारात्मक पक्ष को बढ़ावा दें। सकारात्मक लोग दूसरों को हमेशा अपनी ओर से आकर्षित करते हैं और उन्हें किसी से भी दोस्ती करने में किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होती।

साथ निभाएँ
सच्ची दोस्ती में अपने दोस्त के प्रति वफादार होना जरूरी है। आमतौर पर जब भी लोग किसी प्रकार की व्यक्तिगत या करियर से जुड़ी समस्या का सामना करते हैं तो ऐसे मौकों पर अधिकांशतः दोस्त ही उनका साथ देते हैं। इसलिए दोस्त का हर कदम पर साथ देना दोस्ती का सबसे बड़ा नियम है।

सुनना सीखें
मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि जो लोग दूसरों की बातों को अधिक गौर से सुनते हैं, वे हमेशा लोकप्रियता हासिल करते हैं। जबकि जो लोग खुद को दूसरों पर हावी करने के लिए बिना सोचे-समझे केवल अपनी अच्छाइयों का ही गुणगान करते हैं, उनका सामाजिक दायरा लगातार सिकुड़ता जाता है।

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