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बायोटेक्नोलॉजी में अवसर

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अशोक सिंह

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ऐसे युवा जो बायलॉजी के माध्यम से मेडिकल साइंस को बतौर करियर अपनाना चाहते हैं, निस्संदेह उनके लिए यह क्षेत्र काफी आकर्षण और सफलता की बुलंदियों को छूने में सहायक सिद्ध हो सकता है। एमबीबीएस की सीमित सीटों और दिन प्रतिदिन खर्चीली होती इस पढ़ाई के दौर में युवा बायोटेक्नोलॉजी की राह को अपेक्षाकृत आसानी से पा सकते हैं और करियर को बायोसाइंस के क्षेत्र में ही संवार सकते हैं। अन्य प्रमुख विषयों की भांति, इसकी शुरुआत भी 12वीं के बाद ही होती है।

प्रमुख कोर्सेज में बी एस सी (बायोटेक्नोलॉजी), बीई (बीटी), बीटेक (बीटी), बीएससी (जेनेटिक्स), बीएससी (माइक्रोबायलॉजी) इत्यादि का नाम लिया जा सकता है। बाद में मास्टर्स डिग्री स्तर पर बायोटेक्नोलॉजी के कोर्स में दाखिला लिया जा सकता है। जैसा कि पहले भी उल्लेख किया गया है कि यह रिसर्च आधारित विषय है तो उच्च अध्ययन के लिए विदेशी विश्वविद्यालयों का भी रुख किया जा सकता है और इसके बाद नौकरी पाना कतई मुश्किल नहीं रह जाता है।

आने वाले समय में रोजगार के अवसर निस्संदेह ज्यादा बढ़ने की संभावनाएँ भी विशेषज्ञों द्वारा इस कारण व्यक्त की जा रही है क्योंकि तमाम पश्चिमी देशों की फार्मा कंपनियों को अपने देश के कड़े कानूनों के कारण नई विकसित दवाओं के रिसर्च ट्रायल में न सिर्फ समय और धन बल्कि अन्य परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है। जबकि यही काम भारत जैसे देशों में कार्यरत कंपनियों में कांट्रेक्ट आधार पर सुगमता से करवाया जा सकता है।

तो ऐसे युवा जो किन्हीं कारणों से एम बी बी एस डाक्टर बनने का सपना पूरा नहीं कर पा रहे हैं और मजबूरीवश अन्य विषयों की पढ़ाई करने की सोच रहे हैं, उनके लिए बायोटेक्नोलॉजी का क्षेत्र आशा की किरण साबित हो सकता है।

बेंगलुरु बना बायोटेनोलॉजी हब

भारत में बेंगलुरु का नाम तेजी से बायोटेक्नोलॉजी हब के रूप में विकसित हो रहा है। यहाँ की बायोटेक्नोलॉजी कंपनियों का वार्षिक कारोबार डेढ़ हजार करोड़ रुपए को पार कर चुका है। कुछ समय पहले तक यहाँ पर बायोटेक्नोलॉजी के विविध क्षेत्रों में कार्यरत कंपनियों की संख्या 175 से अधिक थी। ये कंपनियाँ बायोएग्रो, बायोइंडस्ट्री, बायोसर्विसेज, बायोफार्मा, बायोइन्फार्मेटिक्स, हर्बल प्रोडक्टस, बायोजेनेटिक अथवा बायोसिमिलर, बायोमैन्यूफैक्चरिंग, स्टेम सेल, रीजनरेटिव मेडिसिन इत्यादि अग्रणीय क्षेत्रों में कार्यरत हैं।

बायोटेक इंडस्ट्रीज के बढ़ते कदम

* बायोटेक इंडस्ट्री लगभग 37 प्रतिशत वार्षिक विकास दर से बढ़ रही है।

* बायोटेक इंडस्ट्री शीघ्र 5 अरब डॉलर के कारोबार को पार कर जाएँगी।

* बायोएग्री सैक्टर 130 मिलियन अमेरिकी डॉलर से ऊपर बढ़ चुका है।

* बायो सर्विसेज का योगदान 160 मिलियन डॉलर से ज्यादा है।

* चीनी और अमेरीकी कंपनियाँ बड़े पैमाने पर भारतीय बायोटेक कंपनियों के साथ रिसर्च एंड डेवलपमेंट हेतु करार कर रही हैं।

* तमाम दवाओं के पेटेंट की मियाद की समाप्ति होने वाली हैं। इसके बाद भारतीय बायोटेक कंपनियों के लिए इन दवाओं का उत्पादन कर पाना संभव होगा।

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