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इंजीनियरिंग, मेडिकल के बजाय सीए, लॉ में अधिक रुझान

वेबदुनिया डेस्क

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आज का युवा अपने करियर की ऐसी राहें चुनना चाहता है जहां उसे शानदार वेतन, पद और उज्जवल भविष्य मिले। करियर के ऐसे क्षेत्रों में उसकी रुचि है जो सम्मानजनक होने के साथ ही प्रसिद्धि से भरपूर हो।

कुछ वर्षों पहले की अगर बात की जाए युवाओं की रुचि पीसीएम, कॉमर्स जैसे विषयों में थी। ‍अधिकतर युवा सीए बनने के लिए कॉमर्स का चयन करते थे या फिर अकाउंट्‍स के बढ़ते क्षेत्र के कारण उनका झुकाव कॉमर्स विषय की तरफ रहता था।

डॉक्टर बनने की ‍चाह रखने वाले युवा विज्ञान विषय को चुनना पसंद करते थे। मेडिकल के क्षेत्र में युवाओं का रुझान भी बढ़ रहा था। इंजीनियरिंग क्षेत्र में भी युवाओं का रुझान बढ़ने लगा। 10वीं पास करने के बाद अगर कोई छात्र आर्ट्‍स सब्जेक्ट लेता था उसके बारे में धारणा यह रहती थी कि वह पढ़ने कमजोर होगा। दब्बू विद्यार्थी ही आर्ट्‍स विषय की पढ़ाई करते हैं।

अब तक छात्रों के साथ उनके माता-पिता का रुझान मेडिकल, इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट पर होता था। ‍लेकिन अगर पिछले कुछ वर्षों में करियर रुचि के विषयों में परिवर्तन देखने को मिले हैं। इंजीनियरिंग, मेडिकल, मैनेजमेंट जैसे विषयों की प्रतियोगी प्रवेश परीक्षाओं में हिस्सा लेने वाले छात्रों की संख्या में स्थिरता आ रही है।

लॉ और सीए में मिलते लाखों के पैकेज युवाओं को इनकी ओर खींच रहे हैं। लॉ में करियर बनाने वालों युवाओं की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। इसका उदाहरण कॉमन लॉ टेस्ट (क्लेट) देने वालों विद्यार्थियों की संख्या में दो साल में 60 प्रतिशत बढ़ोतरी है।

वही सीए एंट्रेस एक्जाम देने वाले विद्यार्थियों की संख्या में भी दो साल में करीब 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। युवा सिर्फ वकील बनने के लिए ही लॉ सब्जेक्ट पसंद नहीं करते, बल्कि कॉर्पोरेट क्षेत्र के बढ़ने से लॉ में भी करियर संभावनाएं तेजी से बढ़ी हैं।

हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार लगातार बढ़ते इंजीनियरिंग और मैनेजेमंट इंस्टिट्यूट ने साधारण प्रतिभा वाले छात्र/छात्राओं को डिग्री तो देगी, लेकिन इतनी अधिक संख्या में उनके लिए नौकरी उपलब्ध नहीं हो सकी।

दूसरी तरफ सीए और लॉ जैसे कोर्स में लगातार छात्र/छात्राओं की संख्या बढ़ रही है। लगातार बढ़ता विदेशी निवेश और कोर्पोरेट कल्चर ने युवाओं का ध्यान सीए और लॉ जैसे कोर्स की तरफ खींचा है।

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