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सरकारी नौकरी : क्या हैं युवाओं की विमुखता के कारण

वेबदुनिया डेस्क

हमें फॉलो करें सरकारी नौकरी : क्या हैं युवाओं की विमुखता के कारण
, बुधवार, 27 जून 2012 (17:35 IST)
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सरकारी नौकरी की चाहत किसे नहीं होती। आज का युवा चाहता है कि पढ़ाई पूरी करने के बाद उसे सरकारी नौकरी मिल जाए। वह भी किसी सरकारी महकमे का हिस्सा बने।

किसी सरकारी विभाग की रिक्त पदों की संख्या तो दहाई अंक में होती है और आवेदन लाखों में आ जाते हैं। यह स्थिति चतुर्थ श्रेणी से लेकर अधिकारी स्तर तक के पदों पर होती है। किसी सरकारी विभाग में क्लर्क के पद के लिए आवेदन करने वालों में एमबीए, बीई डिग्रीधारी युवा भी रहते हैं।

हाल ही में संपन्न हुई रेलवे भर्ती परीक्षा में परीक्षार्थियों की कम उपस्थिति ने एक नई बहस को जन्म दिया है। इंदौर में हुई परीक्षा में उपस्थिति 20 प्रतिशत से कम रही। आवेदन करने वालों की संख्या करीब साढ़े पच्चीस हजार थी। सिर्फ साढ़े चार हजार आवेदक ही परीक्षा देने पहुंचे।

यह तो एक शहर के आंकड़े हैं। राष्ट्रीय स्तर पर देखा जाए तो इनमें और बढ़ोतरी हो सकती है। क्या यह मान लिया जाए कि जो आवेदक परीक्षा देने नहीं आए उन्हें कहीं और नौकरी मिल गई होगी। क्या सरकारी नौकरी से युवाओं का मोहभंग हो गया है?

इसके कारणों को पता लगाया जाए तो एक बात जो सामने नजर आती है, वह है भ्रष्टाचार। देश के हर क्षेत्र में हो रहे भ्रष्टाचार ने अब नौकरियों में भी जगह बना ली है। 'लेन-देन' से अब किसी सरकारी नौकरी के लिए रास्ता बनाया जा रहा है।

उदाहरण के तौर पर नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) में उजागर भर्ती घोटाले प्रकरण को लिया जा सकता है। देश की रक्षा के लिए जांबाजों को तैयार करने वाले एनडी में अधिकारियों और दलालों ने मिलकर रसोइए, माली, प्रयोगशाला, वाचनालय सहायक, निम्न श्रेणी लिपिक जैसे स्टाफ की भर्ती के लिए रिश्वत ली।

देश के इतने बड़े संस्थान में हुआ यह प्रकरण इस बात की ओर इंगित करता है कि 'लेन-देन' से काम बनता है। वह युवा जो नौकरी के लिए योग्यता तो रखता है, लेकिन 'लेन-देन' की परीक्षा में वह फेल हो जाता है। तेजी से बढ़ते कॉर्पोरेट कल्चर को भी सरकारी नौकरी के आकर्षण को कम करने का कारण माना जा सकता है।

बड़ी कॉर्पोरेट्‍स कंपनियां अच्छे वेतन के साथ वे सब सुविधाएं देती हैं, जो किसी सरकारी नौकरी में होती हैं। दूसरी बात कंपनी उन्ही युवाओं को अपने यहां जॉब पर रखती हैं, उसके बनाए मापदंडों पर सही हों। कंपनी को रिश्वत, सिफारिश से कोई लेना-देना नहीं रहता है।

सरकार को सरकारी नौकरी में हो रही भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता की ओर ध्यान देना चाहिए। भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता आने से इन पदों पर योग्य युवाओं की भर्ती हो सकेगी। योग्यता से भर्ती हुए युवा अपना कार्य भी ईमानदारी से करेंगे।

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