Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

ग्रहों ने दिलाया नीरज को राजयोग

हमें फॉलो करें ग्रहों ने दिलाया नीरज को राजयोग
- अरविन्द शुक्ला
ND

जाने-माने गीतकार गोपालदास नीरज अपनी कविताओं और गीतों से भले ही आपको अतीत में ले जाते हों, लेकिन भविष्य पर भी वे पैनी नजर रखते हैं। लिहाजा शब्दों के जोड़ के साथ ज्योतिष गणना में भी उनका खासा दखल है। खुद नीरज कहते हैं- उन्हें राजयोग मिला, उसके पीछे उनकी साहित्य साधना के अलावा कुंडली में बैठे शनि ग्रह का भी महत्वपूर्ण प्रभाव रहा।

मकर संक्रांति का दिन हो (जब सूर्य धनु राशि से मकर राशि में आ जाता है, इसे सूर्य उत्तरायण कहते हैं) और इस मौके पर ज्योतिष की चर्चा न हो, यह हो नहीं सकता।

उन्होंने बताया कि उन्हें राजयोग शनि ग्रह के कारण ही मिला। उनकी कुंडली में शनि की दृष्टि राहु पर प़ड़ने से यह विशेष योग बना है। नीरजजी ने बताया कि ज्योतिष गणना में दो ग्रहों, शनि और बृहस्पति की दृष्टियों का विशेष महत्व होता है। मकर लग्न में शुक्र राजयोग बनाता है।
  जाने-माने गीतकार गोपालदास नीरज अपनी कविताओं और गीतों से भले ही आपको अतीत में ले जाते हों, लेकिन भविष्य पर भी वे पैनी नजर रखते हैं। लिहाजा शब्दों के जोड़ के साथ ज्योतिष गणना में भी उनका खासा दखल है।      


उन्होंने कहा कि शनि जातक के जिस भाव में बैठता है उस भाव की बेतहाशा वृद्धि करता है। नीरज ने कहा कि सिंह लग्न पर मंगल राजयोग कारक है, वृश्चिक लग्न पर गुरु राजयोग कारक है। उन्होंने कहा कि यदि जातक का शनि लग्न में उच्च का हो तो निश्चित ही जीवन के अंतिम प़ड़ाव में जातक को राजा बना देता है।

छठे, तीसरे, दसवें तथा ग्यारहवें भाव का शनि बहुत बलिष्ठ व शुभ होता है। नीरज कृष्णामूर्ति विधि द्वारा ज्योतिष के अध्ययन, मनन और गणना पर विशेष बल देते हैं। नीरज ज्योतिष के अलावा प्राकृतिक चिकित्सा के भी जानकार हैं। नीरज लोगों को स्वमूत्र (शिवाम्बु) सेवन के लिए प्रेरित करते हैं। नीरज जी का मानना है कि स्वमूत्र या फिर गो-मूत्र से शुद्ध और कोई रसायन नहीं। यह असाध्य रोगों का इलाज है। नीरज दामर तंत्र के भी समर्थक हैं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi