Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

बिपाशा : आकर्षक व्यक्तित्व की धनी

हमें फॉलो करें बिपाशा : आकर्षक व्यक्तित्व की धनी
- पं. अशोक पंवार 'मयंक'

IFM
'अजनबी' से अपनी पहचान बनाने वाली बिपाशा बसु का जन्म दिल्ली में 7 जनवरी 1978 को धनु लग्न मिथुन नवांश में हुआ। धनु लग्न व धनु सूर्य राशि में जन्म होने से आप अत्यंत संवेदनशील, ईमानदार, सुंदर, आकर्षक चेहरा तथा उत्तम आँखें होंगी। नाक लंबी तथा भौंहे घनी होंगी। आपका मस्तक चौड़ा होगा तथा आप आकर्षक व्यक्तित्व की धनी होंगी। धनु लग्न का स्वामी गुरु है, जो अग्नि प्रधान राशि है। आप महत्वाकांक्षी, आत्मविश्वासी, उत्साही, सिद्धांतवादी, न्यायप्रिय, अनुशासनप्रिय, बुद्धिमान तथा संवेदनशील भी होंगी।

लग्नेश यदि लग्न को देखे तो जातक सुंदर होकर आकर्षक होता है अतः आपकी जन्म लग्न में लग्नेश सप्तम भाव में है, वहां से गुरु लग्न को देख रहा है। लग्न में सप्तमेश व दशमेश बुध के साथ भाग्येश सूर्य एवं षष्ठेश व एकादशेश शुक्र भी है। मैंने कई आलेखों में स्पष्ट किया है कि यदि भाग्य का स्वामी लग्न में हो और मित्र या स्वराशि या उच्च का हो तो वह जातक अवश्य भाग्यशाली होकर विख्यात होता है।

बिपाशा बसु की जन्म लग्न में शुक्र अग्नि तत्व की राशि धनु में विराजमान है अतः यह सुंदरता का परिचायक तो होता है ही, जातक को कलाकार भी अवश्य बनाता है। शुक्र कला का कारक ग्रह है और जब इसे धनेश व पराक्रमेश शनि की महादशा में शुक्र का अंतर आया तो मात्र 17 वर्ष की आयु में विख्यात फोर्ड सुपर मॉडल्स प्रतियोगिता में मिस सुपर विवेशियस के खिताब से नवाजा गया। इसी अंतरदशा में सोनू निगम की एलबम 'किस्मत' में अवसर प्राप्त हुआ। फिल्मों में आपकी पहचान 'अजनबी' में बॉबी देओल के साथ अब्बास-मस्तान के निर्देशन में जानी गई।

शुक्र चूंकि आयेश व षष्ठेश है अतः आपको आय का साधन कला व मॉडलिंग से हुआ लेकिन फिल्म में ज्यादा सफल इसलिए नहीं हो पाई क्योंकि शुक्र षष्ठेश भी है। इसी कारण फिल्म के क्षेत्र में अपनी प्रतिद्वंद्वी अभिनेत्रियों से परेशानियाभी रहती हैं।

आपकी पत्रिका में सर्वश्रेष्ठ फल भाग्य का मिलेगा। भाग्येश सूर्य लग्नेश में सप्तमेश व दशमेश होकर बुधादित्य योग बना रहा है अतः आपका फिल्म व्यवसाय पक्ष स्वयं के बल व कला के बतौर चलता रहेगा। सूर्य-शुक्र की युति अवश्य दांपत्य जीवन में बाधा का कारण भी बनती रहेगी। शुक्र सप्तम दृष्टि के मिथुन की राशि को देख रहा है अतः आपको पुरुष वर्ग से हानि ही रहेगी लेकिन किसी ना किसी पुरुष का साथ भी अवश्य मिलता रहेगा।

पंचम भाव मनोरंजन का भाव माना गया है, जो नीच का होकर वक्री है और वक्री ग्रह सदैव उत्तम फलदायी होते हैं। एक और बात यह है कि मंगल नीच का अष्टम भाव में है और चंद्रमा भी नीच का द्वादश भाव में है अतः आपको इनका नीचत्व फल नहीं मिलेगा क्योंकि राशि परिवर्तन भी हो रहा है। गुरु केंद्र में होने से सभी अरिष्टों का नाश भी होता है। आपकी पत्रिका में पराक्रमेश शनि की उच्च दृष्टि आय भाव पर पड़ रही है, जो धनेश भी है अतः आपकी आय उत्तम ही होती रहेगी।

केतु जनता अर्थात चतुर्थ भाव में मित्र राशि का होने से उच्च के समान फल देगा अतः आप जनता के बीच अपना स्थान बनाए रखेंगी। आपके लिए भाग्य को बढ़ाने हेतु माणिक तर्जनी में पहनना अत्यंत लाभदायक होगा। मेष, सिंह, मिथुन लग्न व इन्ही नाम राशि वालों से आपकी अच्छी बनेगी। आपको पीला, फालसाई, नारंगी, सुनहरी, हल्का लाल रंग अत्यंत लाभकारी रहेगा। रविवार, गुरुवार व मंगलवार शुभ वार रहेंगे।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi