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डॉ. जॉर्ज मेरियन अनाथिल

दयालु व योग्य प्रशासक थे

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इंदौर के सेवानिवृत्त धर्माध्यक्ष व ईसाई समाज के मार्गदर्शक डॉ.जॉर्ज मेरियन अनाथिल एसवीडी समर्पित, दूरदर्शी, दयालु शिक्षाविद् व एक योग्य प्रशासक थे। उनका जन्म केरल के अथीरमपूजा में 28 जून 1932 को हुआ था। उनके पिता देवासिया जोसफ व माँ मरियम जोसफ थीं।

उन्होंने हाईस्कूल के बाद 1951 में एसवीडी गुरुकुल सेमीनरी में प्रवेश लिया व 1953 में नोविशिएट में प्रथम व्रत धारण किया। ईश संबंधी शिक्षा व दर्शन शास्त्र गुरुकुल की शिक्षा पुणे स्थित पोंटिफिकल अथेनियुम में पूर्ण हुई। 2 अक्टूबर 1959 को पुरोहिताभिषेक हुआ और पुरोहित के रूप में पहली नियुक्ति सतप्रचार प्रेस में हुई।

इंदौर आकर उन्होंने एक शिक्षक के रूप में कार्य प्रारंभ किया फिर कैथोलिक आश्रम पालदा में प्रीफेक्ट रहकर सेवाएँ दीं। 1969 में उच्च शिक्षा के लिए रोम और फिर अमेरिका गए। 1971 में स्वदेश लौटने के बाद पालदा सेमीनरी के रेक्टर नियुक्त किए गए। कुछ समय के लिए धर्मप्रांत के विकर जनरल भी रहे। 29 जून 1973 को धर्मप्रांत के दूसरे धर्माध्यक्ष के रूप में अभिषेक हुआ और उन्होंने समर्पण भाव से स्थानीय कलीसिया के आध्यात्मिक, सामाजिक, आर्थिक व शैक्षणिक विकास के लिए कार्य किए।

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उनके मार्गदर्शन से वर्तमान में 27 धार्मिक संस्थाएँ धर्मप्रांत के विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत हैं। उनके कार्यकाल में धर्मप्रांत का क्षेत्रफल बढ़ा और खंडवा व झाबुआ धर्मप्रांत का उदय हुआ। 24 अक्टूबर 2008 को वे सेवानिवृत्त हुए।

इंदौर धर्मप्रांत के बिशप चाको थोटुमारिकल एसवीडी ने बताया कि अनाथिल को पिछले कई दिनों से साँस लेने में तकलीफ होने लगी। 2 मई 2009 को सुबह 6.30 बजे पवित्र ख्रीस्तयाग चढ़ाया और दिनभर सामान्य बिताया। रक्तचाप लगातार गिरने से साँस लेना दूभर हो गया था। फादर जॉली जॉन ने उन्हें अंतिम संस्कार देकर पवित्र तेल का विलोपन किया और रात 9.30 बजे उन्होंने अंतिम साँस ली।

इंदौर धर्मप्रांत के पूर्व बिशप जॉर्ज अनाथिल को अंतिम संस्कार के पूर्व ईसाई धर्मावलंबी भाइयों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। और पालदा चर्च परिसर में अंतिम संस्कार करके उन्हें सभी धर्मों की ओर से चक्र अर्पित किया गया।

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