वेबदुनिया की नई सज-धज के साथ आपका प्रिय स्तंभ 'पाठकों के पत्र' भी एक बार फिर नए रूप-रंग में प्रस्तुत है। इसके माध्यम से आप अपनी प्रतिक्रियाएँ प्रेषित कर सकते हैं, जिन्हें हम साप्ताहिक रूप से प्रकाशित करेंगे। आप न्यूनतम 50 और अधिकतम 100 शब्दों में अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर सकते हैं। - संपादक
आपकी वेबसाइट पर दिया गया लेख ‘अँधेरे में प्रकाश बाँटता शिक्षक’ मुझे बेहद अच्छा लगा। हमारे समाज को ऐसे ही समर्पित शिक्षकों की आवश्यकता है। भगवान उन्हें लंबी आयु दें।
जय रोचानी ([email protected])
यूनुसजी का ब्लॉग बेहद अच्छा है। इसकी खास बात यह है कि यह हिन्दी में है। वे लोग जिन्हें अँगरेजी का अच्छा ज्ञान नहीं उनके लिए यह ब्लॉग बेहद सुविधाजनक है।
मनोज ([email protected])
‘अँधेरे में प्रकाश बाँटता शिक्षक’ लेख मुझे बेहद पसंद आया। ऐसे लेख हमें कुछ कर दिखाने की प्रेरणा देते हैं। ये लोग समाज को बताते हैं कि कुछ भी असंभव नहीं है। यदि प्रयास करें तो हर चीज संभव है। कृपया ऐसे लेख लगातार देते रहें।
प्रशांत ([email protected])
लेख ‘अँधेरे में प्रकाश बाँटता एक शिक्षक’ लेख बेहद प्रेरक है। इसके लिए मैं लेखक को धन्यवाद देना चाहती हूँ। ऐसे लेख हमारी युवा पीढ़ी को कुछ कर दिखाने का जज्बा देते हैं।
उषा ओझा ([email protected])
‘लाल किताब- लग्नस्थ केतु’ मुझे यह लेख काफी अच्छा लगा। मैं चाहता हूँ कि आप लाल किताब के बारे में और ज्यादा जानकारी प्रदान करें, जिसमें प्रत्येक राशि का अलग-अलग विवरण दिया गया हो।
‘हरे रामा हरे कृष्णा’ यह लेख मुझे बेहद पसंद आया। आपकी साइट में दी जाने वाली सामग्री काफी स्तरीय है। मुझे आगे इसी तरह के लेखों का इंतजार रहेगा।
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‘साधुओं की रक्षा और दुष्टों का विनाश कब होता है’ ओशो द्वारा लिखा गया यह आर्टिकल काफी रोचक है। कृपया ओशो के बारे में और अधिक जानकारियाँ प्रकाशित करें।
दीप्ति पंडित ([email protected])
‘सर्प शय्या पर विराजित शिवशंभु’ मुझे यह लेख बेहद पसंद आया। साथ ही आपकी साइट बेहद स्तरीय है। साधुवाद।
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इस तरह की चर्चा अच्छी बात है। यूनुसजी का चिट्टा तो अपने आपने में अनूठा है। आप अपने वेबसाइट की RSS फीड भी दें ताकि लोगों को इसके बारे में पता चल सके।
([email protected])
ब्लॉग को लेकर किया गया आपका प्रयास बेहद सराहनीय है। इसे लगातार जारी रखें।