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बेहतर नतीजे के लिए हिंदी को न करें नजरअंदाज

अशोक सिंह

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राष्ट्रभाषा के रूप में हिंदी को दर्जा दिए जाने के बावजूद आज के युवाओं का हिंदी ज्ञान कितना है यह बात किसी से छिपी नहीं है।

युवा पीढ़ी द्वारा जितनी मेहनत अंग्रेजी के लिए की जाती है अगर उसकी तुलना में वे मात्र एक-चौथाई समय भी हिंदी ज्ञान वर्धन पर लगाएं तो निस्संदेह न सिर्फ वास्तविक जीवन में बल्कि परीक्षाओं में भी कहीं बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं।

बारहवीं में आकर्षक नतीजे पाने के लिए अन्य किसी सब्जेक्ट की भांति हिंदी का भी समान महत्व है इस बात को नहीं भूलना चाहिए। तो आइए बात करते हैं, इस पेपर में ज्यादा से ज्यादा अंक बटोरने के कुछ आसान से नुस्खों पर।

1. बोर्ड परीक्षा में लगभग डेढ़ माह का समय अब भी है व इस दौरान नियमित टाइम टेबल के हिसाब से रोजाना कम से कम दो घंटे का समय हिंदी को अवश्य दें।

2. पाठ को पढ़ने के बाद उनके उत्तर स्वयं लिखें और फिर अपने आप ही पुस्तकों से जांचें। हां, अगर अध्यापकों को दिखाने का मौका मिल जाए तो और अच्छा रहेगा तथा आपको अन्य गलतियों के बारे में भी समय रहते पता चल पाएगा।

3. लिखकर याद करने या पुनरावृति की आदत डालें। इससे लिखने की गति बढ़ेगी और लिखावट में भी सुधार होगा।

4. संभावित विषयों पर स्वयं टिप्पणी या पत्र लेखन अवश्य करें। ऐसे कम से कम दस संभावित विषयों का चयन कर लें।

5. लिखावट सुधारने का सबसे अच्छा और आसान फॉर्मूला है प्रत्येक अक्षर को पूरा लिखें। अधूरे अक्षर या जल्दबाजी में लिखने से कभी भी अच्छी राइटिंग संभव नहीं हो सकती है।

6. प्रभावी उत्तर लेखन का तरीका है बिंदुवार अपनी बातों को आसान शब्दों में प्रस्तुत करना। वाक्यों को विषय से जोड़ते हुए विचार व्यक्त करना। अटपटे वाक्य या उनके बीच कोई तारत्म्यता का नहीं होना परीक्षक को नाराज करने के लिए काफी होता है।

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7. शब्दों अथवा वाक्य रचना की अशुद्धियों से हमेशा बचने का प्रयास करना चाहिए। छोटे वाक्यों और सरल शब्दों से भी आप अपनी बातें रख सकते हैं।

8. पाठ्यपुस्तकों के अध्ययन में लेखकों और कवियों के नाम के साथ उनके परिचय पर भी अवश्य ध्यान देना चाहिए। उत्तर लेखन में ऐसी जानकारियां देने से परीक्षक पर अच्छा प्रभाव पड़ता है।

9. भरसक प्रयास करें कि अंग्रेजी के शब्दों का कम से कम इस्तेमाल किया जाए।

10. प्रश्नपत्र के विभिन्न प्रश्नों के लिए सीबीएससी द्वारा जारी अंकों के मान से संबंधित निर्देशों की जानकारी होनी आपके लिए जरूरी है।

11. सैंपल पेपर्स का अधिकाधिक अभ्यास आपको न सिर्फ आत्मविश्वास देगा बल्कि सही तरीके से उत्तर लेखन की समझ को भी विकसित करने में सहायक होगा।

12. सहायक पुस्तकों से मदद लेने में कोई बुराई नहीं है पर भरसक कोशिश यही करें कि अपनी भाषा में उत्तर लिखें।

आम गलतियां :
1. हिंदी की तैयारी का अर्थ अक्सर पाठ्यपुस्तकों की पढ़ाई तक ही सीमित रखा जाता है जबकि सही मायने में इस पेपर में व्याकरण, अपठित गद्यांश, टिप्पणी लेखन, पत्र लेखन तथा अन्य प्रकार के प्रश्नों का भी कम महत्व नहीं होता है।

2. आमतौर पर सरसरी निगाहें दौड़ाते हुए हिंदी की पढ़ाई करने का प्रचलन आजकल के युवाओं में देखा जाता है। इससे न तो संपूर्ण एकाग्रता हो पाती है और न ही विषय को समझा जा सकता है।

3. बिना लिखे अथवा अभ्यास के प्रश्नों को तैयार करने के शॉर्टकट से अंक भी शॉर्टकट अंदाज में परीक्षकों द्वारा दिए जाते हैं।

4. सुंदर और स्पष्ट लिखावट के प्रति लापरवाही प्रायः युवाओं में देखने को मिलती है।

5. अंतिम परीक्षा की तैयारी के दौरान कक्षा में अध्यापकों द्वारा सुझाए गए महत्वपूर्ण हिस्सों अथवा पाठों के नोट्स को दुबारा देखने की जरूरत भी नहीं समझी जाती है।

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