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एआई ट्रि‍पल ई - हैं तैयार हम...

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- अशोक सिंह

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ऑल इंडिया इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम (एआईईईई) 2011 का आयोजन इस वर्ष 1 मई को अखिल भारतीय स्तर पर किया जा रहा है। पहले यही परीक्षा 24 अप्रैल को होने वाली थी पर किन्हीं विशिष्ट कारणों से अब इसे एक सप्ताह के लिए आगे बढ़ा दिया गया है। इससे प्रत्याशियों को अब एक सप्ताह का अतिरिक्त समय मिल गया है तैयारी का प्रस्तुत लेख में हम बात कर रहे हैं इस परीक्षा में बेहतरीन प्रदर्शन करने के कुछ खास टिप्स की।

(यहाँ हम मानकर चल रहे हैं कि अधिकांश प्रत्याशियों ने इस परीक्षा की तैयारी लगभग पूरी कर ली होगी और वे अब रिवीजन के दौर में होंगे)

1. इंटरनेट और वेब पोर्टल की उपलब्धता से आजकल के युवाओं को ऑनलाइन मॉक टेस्ट के तमाम विकल्प आसानी से मिल जाते हैं। उनका भरपूर लाभ उठाते हुए प्रैक्टिस पर ध्यान दें।

2. इस बचे समय का इस्तेमाल अत्यंत अनुशासनात्मक और नियोजित ढंग से करना सफलता के करीब लाने में काफी मददगार साबित हो सकता है।

3. मॉक टेस्ट में स्पीड और एक्यूरेसी पर ध्यान केंद्रित करें और कोशिश करें कि पेपर कम से कम 20 मिनट पहले समाप्त कर लें। इसका फायदा कठिन प्रश्नों को हल करने और एक बार पढ़ने में मदद मिल सकती है।

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4. अध्ययन एवं तैयारी के दौरान विषयों से जुड़ी अवधारणाओं को समझने का प्रयास करें। फार्मुलों और विभिन्न प्रक्रियाओं को रटने की बजाय उन्हें तार्किक ढंग से समझने का प्रयास करना कहीं ज्यादा फायदेमंद होगा।

5. अधिकांश प्रतियोगी परीक्षाओं की भांति में भी विषय की बुनियादी अवधारणाओं से संबंधित प्रत्याशियों की समझ पर आधारित प्रश्नों पर जोर दिया जाता है।

6. प्रैक्टिस के समय इस बात को नहीं भूलें कि मात्रा से ज्यादा गुणवत्ता पर जोर होना चाहिए।

7. देखा गया है कि प्रत्याशियों के 15 से 20 अंक इसी कारणवश छूट जाते हैं क्योंकि वे बुनियादी कॉन्सेप्ट्स का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं। इसमें गणना की गलतियाँ, भ्रम की स्थिति, सही सिद्धांतों का इस्तेमाल नहीं कर पाने की कमजोरी तथा लंबे तरीकों से से प्रोब्लम का हल करना मुख्य हैं।

8. प्रैक्टिस के समय कैलकुलेटर का बिलकुल प्रयोग नहीं करें और दिमागी गणना को अधिक मजबूत बनाएँ। इससे समय की काफी बचत होती है।

9. ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्नों में नेगेटिव मार्किंग की स्थिति में 'एलिमिनेशन ऑफ च्‍वाइस' मैथड का प्रयोग सही उत्तर तक पहुँचाने में मददगार हो सकता है।

10. ध्यान रखें कि ऐसी प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रश्नों की तीन श्रेणियाँ होती है - आसान, औसत और कठिन। इनमें लगभग 25 प्रतिशत प्रश्न आसान की श्रेणी में लगभग 60 प्रतिशत प्रश्न औसत तथा शेष 15 प्रतिशत प्रश्न कठिन की श्रेणी में आते हैं।

आसान और औसत प्रश्नों के बल पर एंट्रेंस एग्जाम में सफलता हासिल की जा सकती है, जबकि कठिन प्रश्न की बदौलत मेरिट में आना मुमकिन हो जाता है।

11. प्रश्नों को रोजमर्रा की जिंदगी से जोड़कर देखने की दृष्टि विकसित करनी चाहिए। इससे प्रश्नों को समझने और समाधान करने में आसानी हो जाती है।

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