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ऐसे लाएं बिजनेस स्टडीज में अच्छे अंक

अशोक सिंह

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कॉमर्स स्ट्रीम में बिजनेस स्टडीज का पेपर महत्वपूर्ण होने के साथ अच्छे अंक दिलाने में काफी मददगार हो सकता है, लेकिन विद्यार्थियों को यह पेपर अमूमन काफी मुश्किल सा लगता है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है इस पेपर का सिलेबस काफी थ्योरेटिकल होना है

थ्योरी को पढ़ने और समझने के लिए समय और ध्यान लगाने की मेहनत से बचने की मानसिकता के कारण ही इस प्रकार का हव्वा इस पेपर के बारे जाने -अनजाने में युवा बना बैठते हैं। जबकि सच्चाई इससे ठीक उलट है। पढ़ने और थोड़ा ध्यान लगाने पर इस विषय के कंसेप्ट्स आसानी से समझ में आ जाते हैं।

आइए बात करते हैं इस पेपर की आखिरी वक्त की तैयारी और इससे जुड़े विभिन्न महत्वपूर्ण पहलुओं की ताकि बचे समय में भी अच्छे अंक लाये जा सकें।

सामान्य गलतियां
- एनसीईआरटी की टेक्स्ट बुक्स नहीं पढ़ने और हेल्प बुक्स से इस पेपर की तैयारी करने से आमतौर से अच्छे अंक नहीं आ पाते हैं।

- विभिन्न चैप्टर्स का कंसेप्ट्स बिना समझे रटने की कोशिश करना।

- संपूर्ण सिलेबस के सभी बारह चैप्टर्स नहीं पढ़ते हुए सलेक्टिव चैप्टर्स तैयार करने की गलत रणनीति ।

- प्रारंभ से ही यह पेपर कठिन मानकर महज पास होने की मानसिकता।

- परीक्षा में कम अंकों के प्रश्नों पर ज्यादा समय लगाने की गलती।

- परीक्षा के ठीक पहले इसकी पढ़ाई करने की बात भी कोई कारगर सोच नहीं कही जा सकती है। रोजाना एक चैप्टर भी तैयार करते हैं तो काफी आसानी से अब भी इस पेपर का संपूर्ण सिलेबस तैयार किया जा सकता है।

कैसे सुधारें
- कहने की बात नहीं कि एनसीईआरटी की टेक्स्ट बुक को इस पेपर की तैयारी का आधार बनाएं। मानकर चलें कि आपको संपूर्ण सिलेबस ही तैयार करना है।

- प्रत्येक अध्याय के कंसेप्ट्स को अंक दर अंक लिखकर ही तैयारी करें। किताब पढ़ने मात्र से गुजारा नहीं होने वाला।

- प्रत्येक चैप्टर्स के अंकों के मान को भी ध्यान में अवश्य रखें। मार्केटिंग मैनेजमेंट, फाइनेंशियल मैनेजमेंट, डाइरेक्टिंग एंड ऑर्गेनाइजिंग चैप्टर्स से क्रमशः 14, 12 और 10 अंकों के प्रश्न पूछे जाते हैं। इसलिए सबसे पहले ऐसे महत्वपूर्ण चैप्टर्स तैयार करें।

- हो सकता है कि पहली बार में आपको ज्यादा समझ नहीं आए लेकिन बजाय हिम्मत हारने के दोबारा और तिबारा भी ध्यान लगाएं। धीरे-धीरे आपके दिमाग से इस विषय का मनोवैज्ञानिक हौव्वा निकलेगा और कंसेप्ट्स समझने में ज्यादा दिक्कत नहीं हो होगी।

- क्लास में टीचर्स के नोट्स आपने लिखे हैं या आपके किसी सहपाठी के पास हैं तो उसे अवश्य पढ़ें। कंसेप्ट्स आसान लगने लगेंगे।

- चूंकि यह थ्योरेटिकल पेपर है तो एक दिन में कई चैप्टर्स कर पाने मुश्किल होंगे। इसलिए रणनीति यही बनाएं कि एक या दो से ज्यादा चैप्टर नहीं करें। चूंकि इस पेपर से पहले पांच दिनों का समय मिलेगा इसलिए उस समय का भी ठीक से सदुपयोग कर बेहतरीन अंक ला सकते हैं।

- एग्जामिनर पर अच्छा इंप्रेशन डालने के लिए ऐसे प्रश्न से शुरुआत करें जिसका उत्तर आप अच्छी तरह लिख सकते हैं।

- हैंड राइटिंग ऐसी अवश्य होनी चाहिए कि एग्जामिनर को पढ़ने और समझने में ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़े। अन्यथा अंक देने में कंजूसी बरत सकता है।

- महत्वपूर्ण बिंदुओं को अवश्य रेखांकित करें ताकि एग्जामिनर का ध्यान जाए।

- परीक्षा हॉल में छह अंकों के प्रश्नों से ही शुरुआत करें। इसके उत्तर अधिक से अधिक 200 शब्दों तक सीमित रखें। इसके बाद 5, 4 और 3 अंकों के प्रश्नों पर ध्यान दें। समय और शब्द सीमा का हमेशा ध्यान रखें।

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