रमजान-उल मुबारक माह के बाद ईद-उल-फितर मनाई जाती है। ईद दुनिया भर के मुसलमानों के लिए खुशी का दिन है। इस्लाम में दो ही खुशी के दिन हैं, ईद-उल फितर और ईद उल जुहा। रमजान में पूरे महीने रोजे रखने के बाद ईद-उल फितर मनाई जाती है। ईद अल्लाह से इनाम लेने का दिन है।
इस मुबारक दिन सुबह के वक्त शहर भर का लोग ईदगाह में जमाकर होकर ईद की नमाज अदा करते हैं। नमाज के पहले हर मुसलमान के लिए फितरा देना फर्ज है। फितरे के तहत प्रति इंसान पौने दो किलो अनाज या उसकी कीमत गरीबों को दी जाती है। इसका मकसद यह है कि गरीब भी ईद की खुशी मना सकें।
ईद की नमाज के बाद इमाम खुत्बा देते हैं और दुआ फरमाते हैं। इसके बाद सभी ईमान वाले एक-दूसरे के गले लगकर ईद की मुबारकबाद देते हैं। ईद की सब से ज्यादा खुशी बच्चों को होती है। इस दिन बच्चों के चहरे की रौनक देखते ही बनती है।
ईद के दिन की सुन्नतें-