न आए असमय ऊपर जाने का वक्त
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महेंद्र साँघी
वेबू : काका मुंबई पर आतंकवादी हमला हो गया। सैकड़ों लोग मारे गए, आपको कैसा लग रहा है। काका- क्यों रे वेबू, तू क्या टीवी रिपोर्टर बन गया रे? वेबू : नहीं काका मैं मजाक नहीं कर रहा। वाकई में जानना चाहता हूँ कि क्या मेरी तरह आपका खून भी खौल रहा है या नहीं। काका - नहीं वेबू मेरा खून रोज जैसा ही है। वेबू : काका इतनी बड़ी घटना हो जाने के बाद भी खून का न खौलना देशद्रोह नहीं है।
काका- नहीं है क्योंकि खून को खौलाने से क्या होगा? जरूरत ठंडे दिमाग से सोचकर समस्या का सामना करने की जरूरत है।
वेबू : तो जरा अपने ठंडे दिमाग से सोचकर बताइए कि देश का खुफिया तंत्र इस घटना को भाँपकर इसे रोकने में सफल क्यों नहीं हो पाया।
काका - अब तुम्हें क्या पता उन्होंने कितनी घटनाएँ पहले से भाँप कर रोक दी होंगी।
वेबू : तो इस घटना को क्यों नहीं रोका?
काका - वेबू यदि सारी घटनाएँ रोक देंगे तो कुछ वर्षों में सरकार खुफिया संस्थाओं के लिए बजट प्रावधान खत्म कर देगी। इस बिना पर कि काहे फालतू का खर्च किया जाए जब कोई घटना नहीं।
वेबू : अच्छा तो ये है कि अंदर की बात। मगर काका इस घटना से नेता बिरादरी की कितनी थू थू हो रही है। जनता बहुत नाराज है।
काका - नाहक ही नाराज है। जब वे बहुमत से जीतकर आएँ हैं तो फिर नाराजगी कैसी?
वेबू : बहुमत से जीतने का यह मतलब तो नहीं कि वे उलूल जुलूल बयान दें। जैसे कि 'मेजर संदीप यदि शहीद न होते तो उनके घर कुत्ता भी न फटकता।' काका - ठीक ही तो कहा। कुत्तों को रोटी प्राप्ति की आशा नेताओं के घर से ही होती है। तो वे वहीं तो फटकेंगे। मेजर के घर क्यों जाएँगे। आखिर केरल के मुख्यमंत्री को भी उनके द्वार पर राजनैतिक लाभ लेकर ही आया। वेबू : काका राज साहब का भी एसएमएस द्वारा मजाक बनाया जा रहा है कि उत्तर भारतीय कमांडों को उनकी सेना ने महाराष्ट्र प्रवेश से क्यों नहीं रोका? काका- राज साहब का बेकार में मजाक उड़ाया जा रहा है। रोक मुंबई में काम ढूँढ़ने आने वाले बेकार लोगों पर है। जिनसे मुंबई को काम है और जिन्हें न्यौता देकर बुलाया जा रहा है उन पर कोई रोक थोड़े ही है। ये जनता भी बात समझती नहीं। वेबू : काका क्या समुद्र की इतनी बड़ी सरहद से भविष्य में घुसपैठ रोकी जा सकेगी। और रोकने के लिए आप क्या कदम उठाने की सलाह देंगे।
काका- समुद्र मंथन के लिए देवताओं ने राक्षसों को भी साथ लिया था। समुद्री राह से आतंकी घुसपैठ रोकने के लिए तटरक्षक बल को मुंबई के अंडरवर्ल्ड को भी शामिल करना चाहिए। अंडरवर्ल्ड को भी बाहरी आतंकियों को रोकने के लिए सहयोग देना चाहिए।
वेबू : वाह काका ! ये आपने बिलकुल नई व सटीक बात कही। अब अंतिम प्रश्न यह कि विदेश मंत्रीजी के कहे अनुसार भारत वक्त आने पर सैन्य कार्यवाही करेगा। तो वह वक्त कब आएगा।
काका - विदेश मंत्रीजी के मन की थाह अपन जैसे देशी लोग नहीं लगा सकते। अत: बस यही दुआ करें कि वह वक्त जल्दी ही आएँ। इससे पहले कि और कई देशवासियों का असमय ऊपर जाने का वक्त आ जाएँ।