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डाक टिकट चलन में कैसे आए

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पहले-पहल इंग्लैंड में वर्ष १८४० में डाक-टिकट बेचने की व्यवस्था शुरू की गई। हालाँकि इसके पहले ही डाक वितरण व्यवस्था शुरू हो चुकी थी परंतु पत्र पहुँचाने के लिए पत्र भेजने वाले को पोस्ट ऑफिस तक जाना ही पड़ता था। पहले किसी भी पत्र भेजने वाले को पोस्ट-ऑफिस जाकर पत्र पर पोस्ट मास्टर के दस्तख्त करवाने पड़ते थे पर डाक-टिकटों के बेचे जाने ने इस परेशानी से मुक्ति दिला दी।

जब डाक-टिकट बिकने लगे तो लोग उन्हें खरीद कर अपने पास रख लेते थे और फिर जरूरत पड़ने पर उनका उपयोग कर लेते थे। १८४० में ही सबसे पहले जगह-जगह लेटर-बॉक्स भी टाँगे जाने लगे ताकि पत्र भेजने वाले उनके जरिए पत्र भेज सकें और पोस्ट-ऑफिस जाने से छुट्टी मिल गई। सोचो पहले पत्र भेजने में कितनी तकलीफ आती थी आज पत्र भेजना कितना आसान हो गया है। अब तो संदेश भेजने के लिए पत्र से बहुत तेज सुविधाएँ भी हमें उपलब्ध हैं।

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