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साइटिका : जब दर्द हद से गुजर जाए

हमें फॉलो करें साइटिका : जब दर्द हद से गुजर जाए
अभिराम
ND
नसों में खिंचाव और दर्द संबंधी समस्या को साइटिका कहा जाता है जो कूल्हों और जाँघ के पिछले हिस्से में उत्पन्न होती है। यह परेशानी तब शुरू होती है, जब कूल्हे की नस को क्षति पहुँचती है। अपनी पूरी जिंदगी में मनुष्य कभी न कभी इससे ग्रसित होता है। इसलिए इसकी चपेट में आने वालों की संख्या भी काफी है। यह एक दबे पाँव आने वाला खतरा है जो अधिकांशतः अनियमित जीवनशैली तथा उठने-बैठने के गलत तरीकों के कारण आपके पास आ जाता है।

कारण - ऐसे लोग जो टेबल या कम्प्यूटर पर घंटों बैठकर काम करते हैं उनमें यह समस्या होती है। इससे उनकी नसों में तनाव उत्पन्न होता है। इसका एक और कारण है जब कोई इंजेक्शन कूल्हे पर दिया जाए और वह साइटिक नस के करीब हो जो मुख्य होती है।

लक्षण - इसका प्रमुख लक्षण तब सामने आता है जब पीठ और पैर में दर्द होने लगे। यह दर्द ऐंठन या अकड़न के कारण भी हो सकता है। जब नसों के फाइबर इससे प्रभावित होते हैं तो पैर की उँगलियों को हिलाना भी कठिन होता है। अपने पैरों को उठाने में भी तकलीफ होती है। यह रोग अगर गंभीर हो जाए तो खड़े रहना और चलना मुश्किल हो जाता है।

इलाज - इस हालत में बिस्तर पर आराम करना चाहिए। पीठ के बल लेट जाएँ और घुटनों को मोड़ लें या उनके नीचे तकिया रख लें। कुछ दिनों तक दर्द निवारक औषधियों की भी जरूरत पड़ती है। अगर इससे आराम नहीं मिले तो डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। नियमित फिजियोथेरेपी, सही मुद्रा में रहना, कसरत और सिंकाई सबकुछ डॉक्टर की देखरेख में होना चाहिए। तब आप इससे राहत पा सकते हैं।

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