1 धूल से बचें। धूल-कण अस्थमा से प्रभावित लोगों के लिए बीमारी की एक अहम वजह है।
2 एयरटाइट गद्दे और तकिए के कवर का इस्तेमाल करें।
3 पालतू जानवरों को हर हफ्ते नहलाएं। इससे घर में गंदगी पर कंट्रोल रहेगा।
4 अस्थमा से प्रभावित बच्चों को उनकी उम्र वाले बच्चों के साथ सामान्य गतिविधियों में भाग लेने दें।
5 अस्थमा के बारे में अपनी जानकारी बढाएं इससे इस बीमारी पर कंट्रोल करने की समझ बढ़ेगी।
6 स्टफ्ड खिलौनों को हर हफ्ते धोएं।
7 सख्त सतह वाले कॉरपेट इस्तेमाल करें।
8 एलर्जी की जांच कराएं इसकी मदद से आप अपने अस्थमा ट्रिगर्स मूल कारण की पहचान कर सकते हैं।
ऐसा न करें
1 यदि आपके घर में पालतू जानवर है तो उसे अपने बेडरूम में न आने दें।
2 पंखोंवाले तकिए का इस्तेमाल न करें।
3 अस्थमा से प्रभावित लोगों के आस-पास धूम्रपान न करें क्योंकि अस्थमा से प्रभावित लोगों को धुएं की बदबू से अटैक आ सकता है।
4 पत्तियों के ढेर में काम न करें और न ही खेलें।
5 दोपहर के वक्त परागकणों की संख्या बढ़ जाती है अत: हो सके तो बाहर काम न करें।
6 अस्थमा से प्रभावित व्यक्ति से किसी तरह का अलग व्यवहार न करें।
7 अस्थमा का अटैक आने पर न घबराएं। इससे समस्या और बढ़ जाएगी। तनाव से अस्थमा बढ़ता है अत: सामान्य परिस्थिति में भी तनाव से बचें और अटैक के समय तो जरा भी टेंशन या घबराहट से काम ना लें। वरना मरीज की घबराहट उसकी जान ले सकती है।
8 एयरकंडीशन का इस्तेमाल कम से कम करें।