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उपवास भी है जरूरी

हमें फॉलो करें उपवास भी है जरूरी
* कब्ज के रोगी को प्रातः ताजा, सुपाच्य और भूख से आधी रोटी कम मात्रा में आहार लेना चाहिए, शाक सब्जी तथा सलाद ज्यादा मात्रा में खाना चाहिए, प्रत्येक कौर को 32 बार चबाना चाहिए, सप्ताह में एक दिन उपवास रखकर सिर्फ फल और दूध लेना चाहिए, सप्ताह में तीन दिन, शाम को भोजन में खिचड़ी या दूध-दलिया ही लेना चाहिए और सुबह के भोजन के बाद एक छोटी हरड़ के टुकड़े करके मुंह में रखकर घंटे भर तक चूसने के बाद चबाकर निगल लेना चाहिए।

* अम्ल-पित्त के रोगी को दूध-केला, दूध-चावल, चावल की खीर, भोजन के अन्त में 1-2 केले, आगरे का पेठा खाना चाहिए। भोजन में छिलके वाली मूंग की दाल प्रतिदिन एक चम्मच शुद्ध घी डालकर खाना चाहिए।

* अजीर्ण होने पर पाचक स्वादिष्ट चूर्ण लेना, उपवास रखना, खिचड़ी, दलिया या फल खाना, भोजन के साथ-साथ एक गिलास ताजी छाछ में एक चम्मच लवण भास्कर चूर्ण घोलकर घूंट-घूंट करके पीना, शाम को हल्का आहार लेना और दिन में 1-1 घंटे से 1-1 गिलास पानी पीना चाहिए।

* सूखी खांसी होने पर दो कप पानी में आधा चम्मच पिसी मुलहठी डालकर काढ़ा करें। जब पानी आधा कप बचे तब उतारकर छान लें। थोड़ा ठंडा करके आधा चम्मच पिसी मिश्री डालकर दो खुराक करके, एक खुराक सुबह खाली पेट और दूसरी खुराक सोते समय, बिना गर्म किए पी लें। लाभ न होने तक सेवन करें।

* प्रातः के भोजन के बाद 10-15 मिनट बाईं करवट लेटना और शाम के भोजन के बाद थोड़ी देर टहलना चाहिए। दिन के भोजन के साथ छाछ और शाम के भोजन के दो घण्टे बाद एक गिलास मीठा कुनकुना गर्म दूध पीना चाहिए। रात में दही न खाना और भोजन के अन्त में 1-2 घूंट से ज्यादा पानी न पीना हितकारी होता है।

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