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एलर्जी के कारण छुपे हैं घर में

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डॉ मनीष जै
WDWD
एलर्जी होने के अनेक कारण घर में ही छिपे होते हैं, लेकिन हम उन्हें इतना निरापद समझते हैं कि कभी उनकी ओर ध्यान ही नहीं देते। बारिश का मौसम एलर्जी पैदा करने के लिए सबसे मुफीद है। इसकी वजह यह है कि घर में पाई जाने वाली डस्ट माइट्स को पनपने के लिए नम और सीलन भरा वातावरण खूब भाता है। एलर्जी श्वसन तंत्र, नाक और त्वचा पर अपना असर दिखाती है।

घर के कारपेट, बिस्तर और सॉफ्ट टॉयज में डस्ट ाइट्स अपना कुनबा फैलाती है। हमारे शरीर से हर साँस में 10 हजार पार्टिकल झड़ते हैं। ाइट्स इन्हीं पर पलती हैं। पालतु कुत्ते, बिल्ली आदि की त्वचा की परतें छोटे-छोटे टुकड़ों में लगातार गिरती रहती हैं। इन जानवरों के बाल भी लगातार गिरते रहते हैं। घरों में पाए जाने वाले चूहे या कॉकरोच भी एलर्जीकारक तत्व छोड़ते रहते हैं। कुछ हेयर डाई भी एलर्जिक होते हैं।

चमड़े के पर्स, घड़ियों के या कमर के पट्टे भी त्वचा की एलर्जी का कारण बन सकते हैं। कई लोगों की त्वचा को आर्टिफिशियल ज्वेलरी सूट ही नहीं करती, क्योंकि उससे उन्हें त्वचा की एलर्जी हो जाती है। कई महिलाएँ तो इतनी सेंसिटिव होती हैं कि उन्हें पीवीसी या सिंथेटिक चप्पलों तक से एलर्जी हो जाती है।

भोजन में कई पदार्थ ऐसे हैं जिनसे एलर्जी हो सकती है। मूँगफली, अंडे और दूध से भी किसी-किसी को एलर्जी हो सकती है। आप भले ही धूम्रपान न करते हों लेकिन दूसरों को भी कमरे में धूम्रपान करने से रोकें। हालाँकि सिगरेट या बीड़ी के धुएँ से एलर्जी नहीं होती, लेकिन इससे अस्थमा और विकट हो सकता है तथा नाक की एलर्जी बढ़ सकती है।
  घर के कारपेट, बिस्तर और सॉफ्ट टॉयज में डस्ट माइट्स अपना कुनबा फैलाती है। हमारे शरीर से हर साँस में 10 हजार पार्टिकल झड़ते हैं। माइट्स इन्हीं पर पलती हैं। पालतु कुत्ते, बिल्ली आदि की त्वचा की परतें छोटे-छोटे टुकड़ों में लगातार गिरती रहती हैं...      

अस्पताल में भी हो सकती है एलर्जी
यदि आप किसी मरीज की मिजाजपुर्सी के लिए अस्पताल आए हैं तो ध्यान रखिए इससे आपको एलर्जी हो सकती है। बिस्तर के ऊपर बिछा रबर, सर्जिकल दस्ताने, कैथेटर, सिरींज तथा कई मेडिकल एप्लायंसेस ऐसे हैं जिनसे एलर्जी हो सकती है। आईवी फ्ल्यूड्स, एक्स-रे के रसायन, पैथॉलॉजी लैब के रसायनों से भी एलर्जी हो सकती है। कई मरीजों को टीकों में मौजूद प्रोटीन से या आयोडीन से भी एलर्जी हो जाती है।

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