हमारे यहां अधिकतर सूखे-पिसे व खड़े मसालों का उपयोग ही किया जाता है। कैसा हो यदि हम यह मसाले घर में उगा पाएं व हर वक्त मसालों का भंडार किचन गार्डन के रूप में हमें उपलब्ध हो? इन ताजा मसालों का स्वाद-खुशबू व रंग व्यंजनों को अनूठा बना देता है। गमला मसाला गार्डन आप गार्डन में, छत पर, बालकनी में, आंगन में कहीं भी लगा सकते हैं। पुराने मटके, लकड़ी के खोखे, गमले आदि का उपयोग कर सकते हैं व कम खर्च में सुंदर, खुशबू वाला उपयोगी गार्डन तैयार कर सकते हैं।
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अजवाइन
अजवाइन का पौधा गमले में आसानी से लगाया जा सकता है। तीखे स्वाद वाला अजवाइन गैस, कब्ज से मुक्ति दिलाता है व व्यंजनों का स्वाद बढ़ाता है। अजवाइन की पत्ती बारीक काटकर बेसन के पकौड़े में डालें, क़ढी में, दाल में, चटनी आदि में उपयोग करें या माउथ फ्रेशनर के रूप में २ पत्ती धोकर चबाकर खा लें, मुंह खुशबूदार हो जाएगा। मठरी, पुरी, पकौड़े में, अरबी-आलू की सब्जी में अजवाइन के बीज का प्रयोग किया जाता है।
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धनिया पत्ती
सूखा खड़ा धनिया हाथ से मसलकर दाल बना लें व तैयार गमले में डालें। 8-10 दिन में इसकी पत्तियां आने लगेंगी। अपनी सुविधा अनुसार नीचे से पत्तियां तोड़ते रहें। चटनी के अलावा धनिया सभी व्यंजनों की गार्निशिंग के व पुरी-पराठे बनाने के काम में भी आता है। सूखा धनिया मसाला, ठंडाई, अचार आदि बनाने में उपयोग करते हैं।
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अदरक
अदरक में आंखें (गांठ) होती हैं। उन्हें काट लें व गमले में, क्यारी में, खोखे में सुविधानुसार बो दें। कुछ दिनों में पत्तियां निकलने लगेंगी। चाय, सूप, ज्यूस में 2-3 पत्ती धोकर-मसलकर डाल दें। खूशबू व स्वाद आने लगेगा। गांठें अंदर ही अंदर फैलने लगेंगी। इन्हें बाहर निकालकर धोकर, उपयोग में ला सकते हैं। इन्हें सुखाकर सौंठ पावडर बना लें और सब्जियों में चुटकीभर बुरक दें। सौंठ प्रसूताओं के लिए भी उपयोग में लाई जाती है। इसी तरह आप हल्दी भी बो सकती हैं। हल्दी व अदरक की ताजा गठानों का अचार भी स्वादिष्ट बनता है। यह औषधीय पौधा भी है।
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हरीमिर्च
मिर्च हरी व लाल ताजा व सूखी दोनों रूपों में प्रयोग में लाई जाती है। छायादार जगह पर गमला रखकर आप मिर्च के बीज बो सकती हैं। मसाला पावडर, चटनी आदि के लिए आवश्यक रूप से मिर्ची का प्रयोग होता ही है।
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पुदीना
पुदीना के डंठल आप क्यारी, गमले, मटके आदि में बो सकते हैं। इन्हें पानी अधिक लगता है। गर्मी में पुदीने की चटनी, जलजीरा, रायता, कैरीपना आदि में पावडर व पत्ती को पीसकर उपयोग किया जा सकता है। आजकल आइस्क्रीम, चाय, ठंडाई आदि में भी पुदीने का उपयोग हो रहा है। धनिए की तरह ही पुदीना भी गार्निशिंग के लिए उपयोग में लाया जाता है।
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तुलसी
तुलसी का पौधा घर के वातावरण को शुद्ध करता है। तुलसी की सूखी मंजरी गमले, क्यारी आदि में डाल दें, कुछ दिनों में पौधा तैयार हो जाएगा। तुलसी दल ईश्वर को अर्पित होते हैं एवं भोग में भी रखे जाते हैं। तुलसी का उपयोग दवाओं के लिए विशेषकर होता है। सामान्य सर्दी-खांसी में तुलसी की चाय लाभदायक दवा साबित होती है।
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सौंफ
गमले में लहलहाते पौधों में हरी-हरी सौंफ के गुच्छे व बारीक-बारीक लंबी पत्तियां बहुत खूबसूरत लगती हैं। सौंफ को आप थोड़ा हाथ से रगड़कर मटके या खोखों में बो सकती हैं। यह आंखों की रोशनी बढ़ाने, पेट साफ रखने व माउथ फ्रेशनर के साथ ही मसालों में भी उपयोग में लाई जाती है।
नोटः मसाला पौधों को सदैव गोबर की खाद के साथ ही लगाएं, यदि कीड़े लग भी जाएं तो नीम को पानी में उबालकर छिड़कें या पानी की तेज धार से कीड़ों को गिरा दें। निंदाई-गुड़ाई व पानी का ध्यान रखें। आपका मसाला गार्डन आपको ताजगी, स्वाद व स्फूर्ति प्रदान करेगा।