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चाय नहीं... हर्बल चाय लीजिए ......

हमें फॉलो करें चाय नहीं... हर्बल चाय लीजिए ......
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बदलते जीवनशैली और फास्टफूड के जमाने में उसके फायदे - नुकसान और कई तरह की बीमारियों से परेशान लोगों को देखकर दूसरे लोग अपनी सेहत के प्रति सचेत होने लगे हैं। अस्पतालों और डॉक्टरों के चक्कर काटने से लेकर दिन रात दवा खाने की आदत से तंग आकर लोग अब अपनी सेहत को प्रति सतर्क हो गए हैं। तेजी से एक बार फिर लोगों का रूझान आयुर्वेद और प्राकृतिक चीजों की ओर बढ़ने लगा है। इस बदलते रुझान का असर हमारी जीवनशैली पर भी स्पष्ट नजर आने लगा है। इसका सबसे अच्छा उदाहरण चाय के मामले में देखने को मिल रहा है।

अब कई लोग अपनी पारंपरिक चाय में बदलाव ला रहे हैं। अब लोगों ने सामान्य चाय की जगह हर्बल टी को अपना लिया है। धीरे-धीरे इसे पीने वालों की संख्या भी बढ़ रही है। कोई वजन कम करने के लिए हर्बल चाय पी रहा है तो कोई अस्थमा जैसी अपनी सालों पुरानी बीमारी से छुटकारा पाने के लिए इस चाय की शरण में आया है। सेहत और स्वस्थ जीवनशैली के प्रति सतर्क रहने वाले लोगों की जिंदगी में तेज और कड़क या फिर पत्ती तेज या चीनी कम वाली चाय की जगह अब हर्बल टी ने ले ली है।

क्या है हर्बल चाय...
पारंपरिक चाय की तरह हर्बल चाय कैमेलिया सिनेसिस बुश वाले पौधे से नहीं बनती। यह विभिन्न ताजे फूल,बीज,जड़ और औषधियों को सूखा कर बनाई जाती है।

क्या है इसकी विशेषता...


यह चाय कैलोरी फ्री होती है। यही कारण है कि वजन कम करने के इच्छुकों में इसकी मांग लगातार बढ़ रही है। आम चाय की तरह हर्बल चाय में कैफीन जरा-सा भी नहीं होता। यह दिखता भले ही चाय जैसा है और इसे पारंपरिक चाय की तरह ही बनाया जाता है,पर चाय के जो अवगुण हैं,वह हर्बल चाय में बिल्कुल भी नहीं पाई जाती है। हर्बल टी में एंटीऑक्सीडेंट या फ्लेवोनॉयड भरपूर मात्रा में होते हैं,जो हृदय रोगों में लाभकारी होते हैं। फ्लेवोनॉयड खून को जमने से भी रोकते हैं और कैंसर की आशंका को कम करते हैं।
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इसके नियमित सेवन से कई फायदे होते हैं। जिनमें मन शांत रहता है,सेहत अच्छी रहती है,पाचन तंत्र मजबूत रहता है,शरीर भीतर से साफ रहता है,उर्जा भी भरपूर बनी रहती है,तनाव दूर होता है,सर्दी-जुकाम से भी निजात मिल जाती है,नींद अच्छी आती है और चाय की तरह हर्बल चाय के सेवन से कैफीन की लत नहीं लगती। इसकी सबसे खास बात ये है कि पारंपरिक चाय की तरह इसमें दूध चीनी मिलाने की जरूरत नहीं होती।

कौन पी सकते हैं इस चाय को...

यूं तो इस चाय को कोई भी पी सकता है लेकिन उनके लिए यह काफी मुफीद है जो सिर दर्द,कब्ज,मोटापा,तनाव आदि जैसी बीमीरियों से ग्रसित हैँ।

कहां से खरीदें...
कई कंपनियों ने वजन कम करने के उद्देश्य को ध्यान में रख कर स्पेशल हर्बल टी पैकेट निकाले हैं। प्रज्ञा चाय, गुरु कांगडी, खादी ग्राम उद्योग या हर्बल उत्पाद बेचने वाले आश्रमों के अलावा आप विभिन्न ब्रांड्स द्वारा निकाली गई हर्बल टी खरीद सकते हैं।
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कैसे बनाएं हर्बल चाय...
हर्बल चाय बनाने के लिए हमेशा ताजे पानी का इस्तेमाल करें। आप ग्लास,कास्ट आयरन या स्टेनलेस स्टील के बर्तन में ही हर्बल चाय बनाएं । अलग-अलग तरह की हर्बल पत्तियों से अधिकतम लाभ हासिल करने के लिए गर्म पानी की मात्रा,तापमान और समय सीमा का ध्यान रखना जरूरी है। जैसे- कैमोलाइल चाय बनाते समय तेज गर्म पानी को गैस से उतार कर कुछ सेकेंड के लिए रखें।

फिर उसमें चाय डाल कर पांच मिनट के लिए ढक कर रख दें, इससे चाय में मौजूद असेंशियल ऑयल उसमें बने रहेंगे और रंग व फ्लेवर भी अच्छा आएगा। बाद में छान कर पी लें। यदि आप चमेली के पौधे यानी जास्मिन टी बना रहे हैं तो इसे दो मिनट से अधिक गर्म पानी में ढक कर न रखें। अधिक देर रखने से इसमें कड़वाहट आ जाती है। अपनी हर्बल चाय का स्वाद बेहतर बनाने के लिए इसमें आप अपनी जरूरत के मुताबिक शहद या नीबू का रस भी मिला सकते हैं।

क्या हैं हर्बल चाय के फायदे...

गठिया अथवा अर्थराइटिस जैसी बीमारियों में जोड़ों में जलन होती है। जोड़ों के दर्द के इलाज में जो दवाएं दी जाती हैं,उसके ढेरों साइड इफेक्ट्स होते हैं। हर्बल चाय में जोड़ों की इस जलन को कम करने के गुण होते हैं। यही वजह है कि जोड़ों के दर्द से पीड़ित मरीजों के लिए इसका सेवन उपयोगी माना जाता है।
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तनाव होगा कम...
चिंता, परेशानी, तनाव, अवसाद, आलस, थकान, ऊर्जा में कमी और सिरदर्द जैसी मानसिक परेशानियों को कम करने में ग्रीन टी जैसी हर्बल चाय को असरकारी माना गया है।

कॉलेस्ट्रॉल और वजन रहेगा नियंत्रित...
डाइबिटीज, मोटापा और दिल की बीमारियों से ग्रसित लोगों के लिए यह चाय उपयोगी साबित होती है। इसमें दालचीनी,ग्रीन टी, एप्हेड्रा और लहसुन हो तो वह रक्तसंचार को ठीक करने,कोलेस्ट्रॉल के स्तर को संतुलित करने और पेट के आसपास की जगह की चर्बी को कम करने में प्रभावी होते हैं।

आएगी प्यारी नींद...
इसे पीने के बाद आपको बहुत प्यारी नींद भी आएगी। अपनी सारी परेशानियों को भूलकर आप इसे पीने के बाद चैन से सो सकते हैं। जो आपको मानसिक रूप से बहुत ही सुकून देगा।

रखें इनका ध्यान...

- कभी भी एल्यूमीनियम के बर्तन में हर्बल चाय न बनाएं। चाय का स्वाद प्रभावित हो सकता है।
- हर्बल टी पैकेज पर लिखे निर्देशों का अवश्य पालन करें।
- जहां तक संभव हो टी बैग्स की जगह खुली हर्बल चाय खरीदें।
- एक बार चाय बनाने के बाद आप दोबारा भी इसका इस्तेमाल कर
सकते हैं।
- फ्लेवर और चिकित्सकीय लाभ के लिए हर्बल टी को एक से दो मिनट ढक कर रखें और फिर छान कर पिएं।
- हर्बल पत्तियों को पानी में अधिक देर तक नहीं उबालना चाहिए, इससे वे ऑक्सीडाइज्ड हो जाती हैं।
- एक बार चाय की पत्तियों का इस्तेमाल करने के बाद दोबारा भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।

सावधानियां...
यूं तो आम चाय के मुकाबले हर्बल चाय बहुत ही कम नुकसानदेह है। लेकिन कई बार ऐसा होता कि कुछ चीजें कई लोगों को सूट नहीं करती है या कई वजहों से उनकी शारिरिक जरूरतें अलग होती हैं। उदाहरण के लिए गर्भवती महिलाएं, दिल के मरीज, चीनी के मरीज आदि। ऐसे में उन लोगों के लिए सलाह है कि हर्बल चाय का इस्तेमाल करने से पहले किसी विशेषज्ञ या अपने डाक्टर से इस बारे में सलाह जरूर ले लें।





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