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देर रात न करें भोजन

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* स्वप्नदोष और शीघ्रपतन के रोगी को देर रात में भोजन करना और इस भोजन में गरिष्ठ और चिकने पदार्थों का सेवन करना, खटाई, अधिक गर्म पेय, चाय, तम्बाकू और बादी करने वाले वातकारक पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए, मल-मूत्र विसर्जन किए बिना नहीं होना चाहिए और सुबह देर तक सोए नहीं रहना चाहिए। कामुक चिंतन नहीं करना चाहिए।

* पुराने कब्ज के रोगी को बार-बार जुलाब नहीं लेना चाहिए। जुलाब लेने की अपेक्षा एनीमा लेना अच्छा होता है पर एनीमा भी सप्ताह में एक या दो बार से ज्यादा और लगातार नहीं लेना चाहिए।

* सूखी खांसी होने पर खटाई, खट्टे पदार्थ, भारी पदार्थ, अधिक मात्रा में आहार, गर्म प्रकृति के पदार्थ और तैल से बने पदार्थ सेवन करना हानिकारक होता है।

* यदि पाचनशक्ति ठीक न हो, पेट ठीक से साफ न होता हो, सुबह-शाम शौच जाने की आदत न हो, कब्ज बना रहता हो, खुलकर भूख न लगती हो, शरीर बहुत कमजोर हो और विवाह न हुआ हो, विधुर हो या पत्नी साथ न रहती हो तो वाजीकरण और यौनशक्ति बढ़ाने वाली कामोत्तेजक दवाओं का सेवन नहीं करना चाहिए।

* अम्लपित्त (हायपरएसिडिटी) की शिकायत हो तो भोजन के अन्त में तुरंत ज्यादा मात्रा में पानी पीना, तले हुए मिर्च-मसालेदार पदार्थ, खट्टे और गर्म प्रकृति के पदार्थ, चाय व तम्बाकू का सेवन करना हानिकारक होता है।

* बहुमूत्र रोग होने पर बार-बार पेशाब होता है। ऐसी स्थिति में मीठे पेय, गर्म व मीठी चाय, चावल, आलू, मिठाइयां, मलाईदार दूध, घी, तेल, अधिक मात्रा में पानी पीना, अजीर्ण में भोजन, भोजन के साथ जल पीना और बिना भूख के भोजन करना हानिकारक होता है।

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