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करमकल्ला या पत्तागोभी

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यह करमकल्ला या पत्तागोभी के नाम से भी पुकारी जाती है। इसे भोजन में सलाद के रूप में कच्चा भी खाया जाता है।
यह गुणों से भरपूर होती है, इसीलिए डॉक्टर लोग मरीज को बीमारी के बाद पत्तागोभी खाने की सलाह देते हैं। यह खून बढ़ाती है, गरमी कम करती है, पाचन में सहायक होती है। इसकी सब्जी बनाकर अधिकतर खाई जाती है।

लेटिन नाम : ब्रासिका ओलेरेसिया वार केपिटेटा

पत्तागोभी खाने से होने वाले लाभ इस प्रकार हैं-

पायरिया : पत्तागोभी के कच्चे पत्ते 50 ग्राम नित्य खाने से पायरिया व दाँतों के अन्य रोगों में लाभ होता है।

बाल गिरना : पत्तागोभी के 50 ग्राम पत्ते प्रतिदिन खाने से गिरे हुए बाल उग आते हैं।

घाव : इसका रस पीने से घाव ठीक होते हैं। इसके रस का आधा गिलास 5 बार पानी मिलाकर पीना चाहिए। घाव पर इसके रस की पट्टी बाँधें।

परिणाम शूल : करमकल्ले का रस पीने से यह रोग ठीक हो जाता है। एक-एक कप तीन बार पिएँ। इसके कच्चे पत्ते भी खा सकते हैं। इसका ताजा रस ही लाभ करता है, यह कम से कम दो सप्ताह पिएँ।

  एक गिलास छाछ में चौथाई कप पालक का रस, एक कप करमकल्ले का रस मिलाकर नित्य दिन में दो बार पिएँ, कुछ ही दिनों में कोलाइटिस रोग ठीक हो जाएगा।       
कब्ज : करमकल्ले के कच्चे पत्ते नित्य खाने से पुराना कब्ज दूर हो जाता है। शरीर में व्याप्त विजातीय पदार्थ, दोषपूर्ण पदार्थ बाहर निकल आते हैं।

कैंसर : प्रातः खाली पेट सर्वप्रथम कम से कम आधा कप करमकल्ले का रस नित्य पीने से कैंसर के आरंभिक लक्षणों, बड़ी आँत का प्रदाह ठीक हो जाता है।

नींद की कमी, पथरी और मूत्र की रुकावट : इन सभी में पत्तागोभी लाभदायक है, इसकी सब्जी घी से छौंक लगाकर बनानी चाहिए।

कोलाइटिस : इस रोग में आँत में सूजन आ जाती है। रोगी को भ्रम हो जाता है कि उसे भोजन नहीं पचता। बात-बात में निराश होने वालों को यह रोग प्रायः हो जाता है। एक गिलास छाछ में चौथाई कप पालक का रस, एक कप करमकल्ले का रस मिलाकर नित्य दिन में दो बार पिएँ, कुछ ही दिनों में कोलाइटिस रोग ठीक हो जाएगा।

कोलाइटिस रोग में अन्य उपचार में दो बार उपवास रखें, तीसरे दिन एक गिलास पानी तीन चम्मच शहद, आधे नीबू का रस मिलाकर पिएँ। नाश्ते में एक कप गाजर का रस। भोजन में दही, एक कप गाजर का रस, चौथाई कप पालक का रस मिलाकर पिएँ, शाम के भोजन में पपीता खाएँ।

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