पेशेंट जो हाल ही में जंगल की सैर करकर लोटा था उसकी टांगे नीली पड़ गई। वो एक झोलाछाप डॉक्टर के पास पहुंचा।
डॉक्टर- क्या किसी सांप ने काटा था।
पेशेंट- नहीं डॉक्टर, मेरा संतुलन बिगड़ा तो मेरे पैर एक कांटों भरी झड़ी पर पड़ गए थे।
डॉक्टर ने गौर से देखा और बोला- जहर है, तुम्हारी टांगे काटनी पड़ेंगी।
उसकी टांगे काट दी गईं, नकली टांगें लगा दी गईं।
पेशेंट दोबारा डॉक्टर के पास पहुंचा, बोला- डॉक्टर साहब, यह तो नकली टांगे भी नीली पड़ गई।
डॉक्टर- अब बीमारी समझ में आई, तुम्हारी जींस कलर छोड़ रही है...!