'तीसरा सप्तक' के यशस्वी कवि कुँवर नारायण को मंगलवार को यहाँ भारतीय भाषाओं के साहित्य में उल्लेखनीय योगदान के लिए 41वें ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने समारोह में कुँवर नारायण को वर्ष 2005 के ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया। सम्मान में 7 लाख रुपए की राशि, वनदेवी प्रतिमा, प्रशस्तिपत्र, प्रतीक चिन्ह, शॉल और श्रीफल शामिल हैं।