Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

फिर सजेगी उर्दू किताबों की दुनिया

हमें फॉलो करें फिर सजेगी उर्दू किताबों की दुनिया
दुष्यं
ND
उर्दू के चाहने वाले तो बहुत हैं लेकिन उसके पढ़ने वाले काफी कम हैं। यही वजह है कि खासतौर से, जब उर्दू की किताबों के मेले लगते हैं तो उनमें पहुँचने वाले कोई ज्यादा तादाद में नहीं होते। हालाँकि दिल्ली वालों की भी रुचि तो इस तरह के आयोजनों में रहती है लेकिन विशुद्ध रूप से इस तरह के मेले एक तो कम लगते हैं और अगर लगते भी हैं तो उनका बहुत ज्यादा प्रचार नहीं हो पाता।

इसीलिए जनता कम ही पहुँच पाती है। इसके विपरीत जब प्रगति मैदान में विश्व पुस्तक मेला या दिल्ली पुस्तक मेला लगता है तो उर्दू प्रकाशकों के स्टॉल्स पर ठीक-ठाक भीड़ पहुँचती है और इस भीड़ का ठीक-ठाक हिस्सा खरीदार भी निकलता है । बहरहाल, लोधी एस्टेट स्थित इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर ने इसी गरज के साथ उर्दू बुक फेयर लगाया ताकि उर्दू अदब के अलावा बच्चों और बड़ों की पसंद की कुछ किताबें दिल्ली के लोगों को मिल सकें। मेला दो दिन (25-26) चला ।

मेले में लोगों की आमद-रफ्त तो बहुत नहीं रही लेकिन संतोषजनक जरूर कही जा सकती है। उर्दू के साथ-साथ हिंदी की किताबें भी रखी गई थीं। उर्दू अदब में यादगार-ए-गालिब के अलावा एनसाईक्लोपीडिया दिलचस्प था जिसमें उर्दू भाषा के मशहूर शायरों की रचनाएँ और उनके काम के बारे में जानकारी दी गई थी।

दीन-धरम के साथ ही किस्से-कहानियों की किताबें भी थीं। एक खाना बच्चों की किताबों का था। यहाँ कुछ किताबें पाकिस्तानी प्रकाशकों के यहाँ से आई थीं। कुछ अंग्रेजी में तो कुछ उर्दू में। वुडलैंड टेल्स : दि माउस एंड दि एलीफैंट एंड अदर स्टोरीज के अलावा सुनार का तराजू और मुख्तलिफ कहानियाँ, शेख चिल्ली और परी जैसी किताबों को देखकर लगता है अपने और पड़ोसी देश में बाल-साहित्य कहीं-कहीं एक सा है और बच्चों को तकरीबन पुराने सचित्र किस्से-कहानियों के जरिये ही सिखाया-पढ़ाया जा रहा है।

हाँ, इतना जरूर हुआ है कि प्रकाशन तकनीक में आए बदलाव की वजह से अब किताबें साफ-सुथरी और बेहतर रंगत वाली दिखलाई पड़ती हैं । मेले से जुड़े दानिश बताते हैं कि मेले का सिलसिला पिछले साल से ही शुरू किया गया है । इस बार पिछले साल की तुलना में अच्छा रिस्पॉंस है।

उर्दू भाषा की बढ़त की खातिर शुरू हुए इस सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए और स्थानीयता के दायरों को तोड़ते हुए इस्लामिक कल्चरल सेंटर नवंबर महीने की 7 तारीख से अंतरराष्ट्रीय स्तर का एक और मेला आयोजित करने जा रहा है। 15 नवंबर तक चलने वाले इस मेले को अल हस्नात बुक्स प्राइवेट लिमिटेड और इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर मिल कर आयोजित कर रहे हैं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi