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हिन्दी के साहित्यकार गोविंद मिश्र को सरस्वती सम्मान

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हिन्दी के लब्ध प्रतिष्ठित साहित्यकार गोविंद मिश्र को उनके उपन्यास ‘धूल पौधों पर’ के लिए वर्ष 2013 का सरस्वती सम्मान दिया जाएगा। वह 1991 में डॉ. हरिवंश राय बच्चन के बाद इस सम्मान को प्राप्त करने वाले हिन्दी के दूसरे रचनाकार है।

केके बिरला फाउंडेशन द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, हिन्दी के जाने-माने लेखक गोविंद मिश्र के उपन्यास ‘धूल पौधों पर’ को वर्ष 2013 के 23वें सरस्वती सम्मान के लिए चुना गया है। यह पुस्तक 2008 में प्रकाशित हुई थी।

केके बिरला फाउंडेशन ने वर्ष 1991 में सरस्वती सम्मान की स्थापना की थी और पहला सम्मान डॉ. हरिवंश राय बच्चन को उनकी आत्मकथात्मक कृति ‘दशद्वार से सोपान तक’ के लिए दिया गया था। सम्मान वर्ष से पहले दस वर्ष की अवधि में 22 भारतीय भाषाओं में प्रकाशित पुस्तकों में से इस पुरस्कार के लिए पुस्तक का चयन किया जाता है।

इस सम्मान में दस लाख रुपए की राशि, प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिह्न प्रदान किया जाएगा।
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गोविंद मिश्र का पहला उपन्यास ‘वह अपना चेहरा’ 1969 में प्रकाशित हुआ था। 1976 में उनका प्रसिद्ध उपन्यास ‘लाल पीली जमीन’ काफी चर्चित रहा। उन्होंने 11 उपन्यास और चौदह कहानी संग्रहों में सौ से अधिक कहानियां प्रकाशित हुई। ‘निर्झरिणी’ शीर्षक से दो खंडों में उनकी सम्पूर्ण कहानियां प्रकाशित हुई। पांच यात्रा वृत्तांत और दो कविता संग्रह प्रकाशित हुए है।

गोविंद मिश्र का जन्म 1 अगस्त 1939 को अतर्रा (बांदा) उत्तरप्रदेश में हुआ था। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से अंग्रेजी में एमए की उपाधि हासिल की और दो सालों तक वह अंग्रेजी के प्राध्यापक भी रहे। 1961 में भारतीय राजस्व सेवा के लिए चुने गए।

मिश्र केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अध्यक्ष और प्रतिनियुक्ति पर केंद्रीय हिन्दी अनुवाद ब्यूरो के निदेशक रहे। 1997 में अवकाश प्राप्ति के बाद वह भोपाल में रह रहे हैं। (भाषा)


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