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बेटी पर कविता
बेटी, जल्दी से तू आना
राह देखता तेरी बेटी, जल्दी से तू आनाकिलकारी से घर भर देना, सदा ही तू मुस्कानाना चाहूं मैं धन और वैभव, बस चाहूं मैं तुझकोतू ही लक्ष्मी, तू ही शारदा, मिल जाएगी मुझकोसारी दुनिया है एक गुलशन, तू इसको महकानाकिलकारी से घर भर देना, सदा ही तू मुस्कानाबन कर रहना तू गुड़िया सी, थोड़ा सा इठलानाठुमक-ठुमक कर चलना घर में, पैंजनिया खनकानाचेहरा देख के तू शीशे में, कभी-कभी शरमानाकिलकारी से घर भर देना, सदा ही तू मुस्कानाउंगली पकड कर चलना मेरी, कांधे पर चढ़ जानाआंचल में छुप जाना मां के, उसका दिल बहलानाजनम-जनम से रही ये इच्छा, बेटी तुझको पानाकिलकारी से घर भर देना, सदा ही तू मुस्काना।