Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

मत फूलना अमलतास

फाल्गुनी

हमें फॉलो करें मत फूलना अमलतास
आने वाली गर्मी में
मत फूलना
दमकते अमलतास
मेरे मन के
कच्चे आंगन में
कि मैं नहीं करती
अब किसी को याद,

चंपा,
तुम मत झरना
मेरे आंचल के पास,
मैं नहीं फैलाऊंगी उसे
तुम्हारे साये में
कि नहीं महसूसती मैं
अब किसी का प्यार...!

लाल सूर्ख पत्ते वाले अंथोरियम,
बहुत चूभता है
अब तुम्हारा रंग,
मुंह फेर लो तुम‍ भी
कि अब कोई नहीं है संग... !

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi