भारतीय संवत्सर का ग्यारहवां चन्द्रमास और दसवां सौरमास माघ कहलाता है। इस महीने में मघा नक्षत्रयुक्त पूर्णिमा होने से इसका नाम माघ पड़ा। धार्मिक दृष्टिकोण से इस मास का बहुत अधिक महत्व है। इस मास में शीतल जल के भीतर डुबकी लगाने वाले मनुष्य पापमुक्त हो स्वर्ग लोक में जाते हैं।
'माघे निमग्नाः सलिले सुशीते विमुक्तपापास्त्रिदिवं प्रयान्ति।'
पद्मपुराण में माघ मास के माहात्म्य का वर्णन करते हुए कहा गया है कि पूजा करने से भी भगवान श्रीहरि को उतनी प्रसन्नता नहीं होती, जितनी कि माघ महीने में स्नान मात्र से होती है।