लहसुन खूब खाएं, लेकिन कच्चा हो तो बेहतर। वजह यह है कि लहसुन को पकाने पर इसमें मौजूद 'एलिसिन' कम हो जाता है। जाहिर है कि यदि आप खूब सारा कच्चा लहसुन खाएंगे तो आपके पास बैठने वाले दोस्तों की संख्या कम ही रहेगी। खैर, यदि आप लहसुन के कैप्सूल ले रहे हों तो आपको चिकित्सक की सलाह मानना चाहिए।
लहसुन ही क्यों तो इसका जवाब है कि अनेक शोधों से तय हुआ है कि इससे रक्तचाप कम होता है। यदि आप मधुमेह के रोगी हैं तो आपको मालूम होना चाहिए कि लहसुन से रक्तशर्करा भी घटती है। इसलिए मधुमेह के रोगियों को लहसुन की वैकल्पिक चिकित्सा के दौरान उच्च रक्तचाप की मॉनिटरिंग भी करनी चाहिए। लहसुन से उच्च रक्तचाप नियंत्रित किया जा सकता है, यह आधुनिक चिकित्सा विज्ञान भी मान चुका है।
लहसुन दमा के इलाज में काफी कारगर साबित होता है। 30 मिली दूध में लहसुन की पांच कलियां उबालें और इस मिश्रण का हर रोज सेवन करने से दमे में शुरुआती अवस्था में काफी फायदा मिलता है। अदरक की गरम चाय में लहसुन की दो पिसी कलियाँ मिलाकर पीने से भी अस्थमा नियंत्रित रहता है। सबेरे और शाम इस चाय का सेवन करने से मरीज को फायदा होता है।