Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

गर्भपात हो तो विशेष ख्याल रखें

सेहत डेस्क

हमें फॉलो करें गर्भपात हो तो विशेष ख्याल रखें
NDND
गर्भवती को गर्भपात होने कर पीपलामूल, सौंठ, भारंगी और अजवायन 10-10 ग्राम मात्रा में 4 गिलास पानी में डलकर उबालना और 1 गिलास बचे तब छानकर पी लेना चाहिए।

यह काढ़ा 4 या 5 दिन तक पिएँ या जब तक खून जाता रहे, तब तक करें। इससे खराब खून व विकार बाहर निकल जाएगा और खून बहना बन्द हो जाएगा।

गर्भपात होने की स्थिति में एक सप्ताह तक घी, तेल आदि चिकनाई का सेवन बन्द रखें, हिंगाष्टक चूर्ण का सेवन रात को करना चाहिए, ताकि पाचन ठीक रहे।

गर्भवती के सातवें और आठवें माह में गर्भपात की आशंका हो या लक्षण दिखाई पड़ें तो लोध्र और पीपल का महीन पिसा चूर्ण 1-1 ग्राम मिलाकर शहद के साथ चाटने पर लाभ होता है।

गर्भपात होने के बाद

छह माह तक दशमूल काढ़ा ऋतुस्राव वाले दिन से 15 दिन तक प्रातः पीना चाहिए। सूतिका भरण योग की 2-2 रत्ती की गोलियाँ सुबह-दोपहर व शाम को लेना चाहिए। भोजन के साथ हिंगाष्टक चूर्ण लेते रहें।

छह मास तक संयमपूर्वक रहने के बाद ही अगले गर्भ के विषय में सोचें। ऐसा करना माता व आने वाले शिशु के लिए उत्तम रहेगा।

हर शरीर की प्रकृति अलग-अलग होती है अत: उपरोक्त वर्णित नुस्खों को अपनाने से पूर्व अपने चिकित्सक की सलाह अवश्य लें।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi