* जामुन का पका हुआ फल पथरी के रोगियों के लिए एक अच्छी रोग निवारक दवा है। * पथरी बन जाने पर इसकी गुठली के चूर्ण का प्रयोग दही के साथ करने से लाभ मिलता है। * जामुन का लगातार सेवन करने से यकृत (लीवर) की क्रिया में काफी सुधार होता है। * मंदाग्नि से बचने के लिए जामुन को काला नमक तथा भूने हुए जीरे के चूर्ण के साथ खाना चाहिए। * जामुन के वृक्ष की छाल को घिसकर कम से कम दिन में तीन बार पानी के साथ मिलाकर पीने से अपच दूर हो जाता है। * जामुन के वृक्ष की छाल को पीसकर एवं बकरी के दूध के साथ मिलाकर देने से डायरिया के रोगी को तुरंत आराम मिलता है। * पेचिश में जामुन की गुठली के चूर्ण को एक चम्मच की मात्रा में दिन में दो से तीन बार लेने से काफी लाभ होता है। * अच्छी आवाज बरकरार रखने के लिए जामुन की गुठली के काढ़े से कुल्ला करना चाहिए।
* जामुन की गुठली का चूर्ण आधा-आधा चम्मच दो बार पानी के साथ लगातार कुछ दिनों तक देने से बच्चों द्वारा बिस्तर गीला करने की आदत छूट जाती है।
* जामुन के वृक्ष की छाल को घिसकर एवं पानी के साथ मिश्रित कर प्रतिदिन सेवन करने से रक्त साफ होता है।
* मधुमेह के रोगियों के लिए भी जामुन अत्यधिक गुणकारी फल है।
* स्त्रियों में रक्तप्रदर की बीमारी में जामुन की गुठली के चूर्ण में पच्चीस प्रतिशत पीपल की छाल का चूर्ण मिलाकर एक-एक चम्मच की मात्रा में दिनभर में तीन बार ठंडे पानी के साथ लेने से लाभ मिलता है।