Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia

आज के शुभ मुहूर्त

(वरुथिनी एकादशी)
  • तिथि- वैशाख कृष्ण एकादशी
  • शुभ समय- 7:30 से 10:45, 12:20 से 2:00
  • व्रत/मुहूर्त- वरुथिनी एकादशी, नर्मदा पंचकोशी यात्रा, प्रभु वल्लभाचार्य ज.
  • राहुकाल-प्रात: 10:30 से 12:00 बजे तक
webdunia
Advertiesment

नारी शक्ति की चेतना का प्रतीक

आदिशक्ति की आराधना से राष्ट्र की रक्षा

हमें फॉलो करें नारी शक्ति की चेतना का प्रतीक
- ब्रह्मर्षि आचार्य अरविंद
ND

शक्ति उपासना का भारतीय चिंतन में बहुत बड़ा महत्व है। शक्ति ही संसार का संचालन कर रही है। शक्ति के बिना शिव भी शव की तरह चेतना शून्य माना गया है। स्त्री और पुरुष शक्ति और शिव के स्वरूप ही माने गए हैं।

भारतीय उपासना में स्त्री तत्व की प्रधानता पुरुष से अधिक मानी गई है। नारी शक्ति की चेतना का प्रतीक है। साथ ही यह प्रकृति की प्रमुख सहचरी भी है जो जड़ स्वरूप पुरुष को अपनी चेतना प्रकृति से आकृष्ट कर शिव और शक्ति का मिलन कराती है। साथ ही संसार की सार्थकता सिद्ध करती है।

दुर्गा सप्तशती में 'त्वमेव संध्या सावित्री, त्वमेव जननी परा' इत्यादि अनेक श्लोकों के द्वारा शक्ति के शाश्वत स्वरूप का उल्लेख किया गया है। गंभीरता से विचार करने पर यह सिद्ध होता है कि जितने भी अवतार हुए हैं उनका एक निश्चित लक्ष्य होता है। चाहे वह परमहंस रूप में तत्व ज्ञान समाज को देना हो अथवा आसुरी शक्तियों का दमन कर धर्म की प्रतिष्ठा करना।

webdunia
ND
वे भी भगवती आदिशक्ति की आराधना कर अपने कार्यों का संपादन करते हैं। त्रेतायुग में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने रावण आदि दुष्टों का दमन करने से पूर्व भगवती भवानी की आराधना से विजय की शक्ति प्राप्त की।

हिंदी के कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला के शक्ति की पूजा काव्य में इसका विशेष महत्व आधुनिक युग के विचारकों के लिए चिंतन का विषय है। शास्त्रों के अनुसार शिव और शक्ति सनातन हैं उनकी शक्ति भी सनातन है। जिनकी आराधना करने से व्यक्ति का सभी प्रकार का कल्याण तो होता ही है साथ ही राष्ट्र और धर्म को भी उसका पुण्य फल प्राप्त होता है।

इसी प्रकार छत्रपति शिवाजी ने भगवती भ्रमरम्वा भवानी की आराधना से शक्ति अर्जित कर अत्याचारियों से लोहा लिया।

महाराणा प्रताप द्वारा भगवती चामुंडा की विशेष आराधना का उल्लेख मिलता है।

गुरुगोविंद सिंह की रचना चंडी दी वार एवं उनके द्वारा कहे गए शब्द कि - मैंने पूर्व जन्म में हेमकुंड में महाकाल और कालका की आराधना से धर्म रक्षा के लिए तेग और वेग में शक्ति भरी है।

इसी प्रकार इतिहास में प्राचीन और आधुनिक काल शक्ति आराधकों के उदाहरणों से भरा हुआ है जो हमें विश्वास दिलाता है कि राष्ट्र और धर्म को बचाते हुए परम पुरुषार्थ को प्राप्त करना है तो शक्ति की आराधना करनी ही होगी।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi