चाणक्य नीति - अध्याय 3
चाणक्य नीति अध्याय के अमर वाक्य....
* एक ऐसा बालक जो मृत जन्मा था, एक मूर्ख दीर्घायु बालक होने से काफी बेहतर है, क्योंकि मृत जन्मा बालक तो एक क्षण के लिए दुख देता है, लेकिन मूर्ख बालक अपने माता-पिता को जिंदगी भर दुख की अग्नि में निरंतर जलाता रहता है।
* सौ गुणरहित पुत्रों से एक गुणी पुत्र ही अच्छा है, क्योंकि एक चंद्रमा ही रात्रि के अंधकार को भगाता है। जबकि रात्रि में आकाश में असंख्य तारे होकर भी यह काम नहीं कर सकते।