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उत्तर कोरिया पर बढ़ा अमेरिकी दबाव

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वॉशिंगटन (भाषा) , मंगलवार, 7 अप्रैल 2009 (21:02 IST)
मिसाइल प्रक्षेपण को लेकर उत्तर कोरिया पर दबाव बनाने के प्रयास के तहत अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने मंगलवार को कहा कि कम्युनिस्ट देश के राकेट परीक्षण पर संयुक्त राष्ट्र का कड़ा रुख सही दिशा में पहला कदम होगा।

उन्होंने हालाँकि यह व्याख्या नहीं की कि इस मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र का क्या कड़ा रुख हो सकता है। नार्वे के अपने समकक्ष से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि मेरी नजर में उत्तर कोरिया ने संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव 1718 का स्पष्ट उल्लंघन किया है।

गंभीर जटिलताओं वाली यह भड़काऊ कार्रवाई है। उत्तर कोरिया ने अपनी अंतरराष्ट्रीय जवाबदेही का उल्लंघन किया है।

हिलेरी ने कहा कि प्रक्षेपण में संयम बरतने के अंतरराष्ट्रीय आह्वान को नजरअंदाज कर उत्तर कोरिया देशों के समुदाय से खुद ही अलग-थलग पड़ गया है।

उन्होंने कहा कि अमेरिका संयुक्त राष्ट्र में अपने सहयोगियों और सुरक्षा परिषद के सदस्यों से सक्रियता से चर्चा कर रहा है। वे छह पक्षीय वार्ता में शामिल देशों के विदेश मंत्रियों से पहले ही बात कर चुकी हैं।

अमेरिकी विदेशमंत्री ने कहा कि रातोरात किसी समाधान पर पहुँचना आसान नहीं, लेकिन हम इस बात से सहमत हैं कि संयुक्त राष्ट्र में कड़ा रुख वह पहला और महत्वपूर्ण कदम होगा, जो हम उठाना चाहते हैं।

हिलेरी ने कहा कि उत्तर कोरिया को यह समझना होगा कि उसकी हरकतें छह पक्षीय वार्ता को खतरे में डाल देंगी।

इससे पूर्व अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता रॉबर्ट वुड ने कहा कि उनका देश सुरक्षा परिषद से कड़ी और असरदार प्रतिक्रिया चाहेगा। उत्तर कोरिया के कदम को लेकर सुरक्षा परिषद में गहरी चिंता है। मामले से निपटने के लिए एक असरदार कार्रवाई की जरूरत है और हम इसके लिए प्रयास कर रहे हैं।

एक सवाल के जवाब में प्रवक्ता ने कहा यह उत्तर कोरिया की जीत नहीं है। इस तरह का काम उसे विश्व बिरादरी से सिर्फ अलग-थलग करने का काम करता है।

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