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ओबामा ने साधा पाक सेना पर निशाना

हमें फॉलो करें ओबामा ने साधा पाक सेना पर निशाना
वॉशिंगटन , शुक्रवार, 7 अक्टूबर 2011 (09:42 IST)
राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आतंकवादियों से पाकिस्तान के सैन्य तथा खुफिया संपर्क होने की बात करते हुए इस पर चिंता जताई और कहा कि अमेरिका के लिए यह परेशानी की बात है। ओबामा ने यह भी कहा कि पाकिस्तान को मान लेना चाहिए कि भारत के प्रति एक शांतिपूर्ण पहल सभी के हित में होगी।

हक्कानी नेटवर्क का नाम लिए बिना अमेरिकी राष्ट्रपति ने आतंकवादियों को 'घृणित चरित्र' वालों की संज्ञा दी। हक्कानी नेटवर्क के पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से तार जुड़े होने का संदेह अमेरिका जता चुका है।

उन्होंने व्हाइट हाउस में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस बात में कोई संदेह नहीं है कि पाकिस्तान की सैन्य और खुफिया सेवाओं के ऐसे कुछ लोगों से संबंध है जो हमारे लिए परेशानी वाले हैं।

ओबामा ने कहा कि पाकिस्तान मानता है कि स्वतंत्र अफगानिस्तान से उसके सुरक्षा हितों को कुछ हद तक खतरा होगा क्योंकि उन्हें लगता है कि वह भारत के साथ जुड़ जाएगा और पाकिस्तान भारत को अब भी अपना घोर शत्रु मानता है। उन्होंने कहा कि हम दरअसल चाहते हैं कि पाकिस्तान मान ले कि भारत के प्रति एक शांतिपूर्ण प्रयास सभी के हित में होगा और वास्तव में पाकिस्तान को विकास में मददगार होगा।

पाकिस्तानी सेना और खुफिया सेवाओं के ‘कुछ लोगों’ से संबंध के बारे में ओबामा ने कहा कि वह यह बात सार्वजनिक रूप से कह चुके हैं और पाकिस्तानी अधिकारियों को भी निजी तौर पर बता चुके हैं।

उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि उन्होंने इस संदर्भ में बाजी लगा दी है कि अफगानिस्तान कैसा दिखेगा और उनके दांव में कुछ घृणित किरदारों से ताल्लुकात भी शामिल हैं जिन्हें वे मानते हैं कि गठबंधन बलों के छोड़ने के बाद अफगानिस्तान में फिर से खड़ी हो रहीं ताकतों को समाप्त कर सकते हैं। आईएसआई के हक्कानी नेटवर्क से संबंध होने पर पाकिस्तान के सामने किस तरह के परिणाम होंगे, इस बारे में पूछे गये सवाल पर ओबामा ने कुछ नहीं कहा।

उन्होंने कहा कि हम पाकिस्तान से हमारे रिश्तों का सतत मूल्यांकन करते रहेंगे जिस पर कुल मिलाकर अमेरिकियों और हमारे हितों के संरक्षण में मदद मिले। राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिका ने इस्लामाबाद को यह मनाने का प्रयास किया है कि स्थिर अफगानिस्तान उनके हित में है।

उन्होंने कहा कि हमने पाकिस्तान को यह मनाने की कोशिश की है कि एक स्थिर अफगानिस्तान उनके हित में है। उन्हें एक स्थिर, स्वतंत्र अफगानिस्तान से खतरा महसूस नहीं करना चाहिए।(भाषा)

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