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अग्नि-5 यानी भारत के 'मजबूत' इरादे

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बीजिंग , रविवार, 18 दिसंबर 2011 (20:40 IST)
अगले साल फरवरी में पांच हजार किलोमीटर तक मार करने की क्षमता वाली अग्नि-5 मिसाइल के परीक्षण की भारत की तैयारियों के बीच चीनी मीडिया ने कहा है कि चीन के कई शहरों तक पहुंचने में सक्षम मिसाइल से क्षेत्र में प्रमुख शक्ति बनने के भारत के इरादे परिलक्षित होते हैं।

सरकारी अखबार ‘पीपुल्स डेली’ ने एक आलेख में कहा कि भारतीय अधिकारी और वैज्ञानिकों का दावा है कि उनकी अग्नि-5 मिसाइल एक खास देश के लिए ‘घातक’ है। आलेख में कहा गया है कि इससे परिलक्षित होता है कि भारत शक्ति का क्षेत्रीय संतुलन स्थापित करना चाहता है।

‘भारत की सैन्य तैयारियां और जोखिम’ शीषर्क वाले आलेख में कहा गया है कि भारत की सामरिक महत्वकांक्षाएं हैं और उसे विश्व मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है। इस वजह से वह ऐसी आंतरिक और बाह्य सुरक्षा वातावरण बाधाओं को सहन नहीं कर सकता। सत्तारूढ़ चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के आधिकारिक मुखपत्र में कहा गया है कि भारत का लक्ष्य सेना को मजबूत करना है और एक प्रमुख शक्ति का दर्जा हासिल करने का है।

इसमें सवाल किया गया है कि बहरहाल, मिसाइल युग में सभी सरकारों के लिए यह सवाल है कि कितनी मिसाइलें पर्याप्त हैं।

चीन की मीडिया ने पिछले महीने 3000 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम अग्नि-4 के सफल परीक्षण की खबर दी थी। डीआरडीओ के महानिदेशक वीके सारस्वत ने घोषणा की थी कि अग्नि-5 का फरवरी में परीक्षण किया जाएगा।

रक्षा विश्लेषकों का कहना है कि इन दोनों मिसाइल के रेंज में चीन के कई शहर आ सकते हैं, लेकिन चीन में दूरदराज के क्षेत्र तब भी भारतीय मिसाइलों के रेंज से दूर ही रहेंगे।

विश्लेषकों की नजर में कम रेंज वाली अग्नि-एक और दो को पाकिस्तान के मद्देनजर विकसित किया गया है, जबकि अग्नि-3 , चार और पांच की परिकल्पना चीन के मद्देनजर की गई है।

चीन ने स्वयं ही लंबी और मध्यम दूरी तक मार करने वाली कई मिसाइलें विकसित की हैं और अमेरिकी मीडिया की खबरों के अनुसार उसने तिब्बत और शिनजियांग प्रांत में मिसाइलें तैनात की हैं। (भाषा)

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