ऑक्सफोर्ड के अध्ययनकर्ताओं के अनुसार सेंट जॉन कॉलेज परिसर में पाए गए 37 कंकाल ‘पेशेवर योद्धाओं’ का हो सकता है, जिनके बारे में आशंका है कि उन्हें पकड़कर मृत्युदंड दिया गया होगा। इसमें पहले माना जा रहा था कि ये कंकाल सेंट ब्राइस डे नरसंहार में मारे गए लोगों के हो सकते हैं।
वर्ष 2008 में थेम्स वेल्ली आर्योलॉजिकल सर्विसेस को जब कॉलेज परिसर में कंकालों का पता चला तो अनुमान लगाया गया था कि यह ऑक्सफोर्ड में सेंट ब्राइस डे नरसंहार से जुड़ी हुई घटना से संबंधित हो सकते हैं। इस घटना के तहत वर्ष 1002 में राजा एथेलार्ड ने इंग्लैंड में रह रहे सभी डेनिश लोगों को मौत के घाट उतार देने का आदेश दिया था।
बहरहाल, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के शिक्षाविदों की अगुआई में नए अध्ययन से एक नया नवीन सामने आया है। उनका कहना है कि ये कंकाल पेशेवर योद्धाओं या विकिंग राइडर्स के हो सकते हैं, जिन्हें पकड़ कर मौत की सजा दी गई थी।
खुदाई में गड्ढे से मानव कंकाल का पता चला था। अधिकतर लोगों की उम्र 16 से 25 वर्ष के भीतर थी और वो सामान्य आदमी की तुलना में तगड़े और लंबे थे। कुछ के चेहरे पर पुराने घाव के निशान भी थे, जिससे ऐसा लगता था कि वो पेशेवर योद्धा थे। (भाषा)