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कारगिल युद्ध के समय अमेरिका ने पा‍क को हटने को कहा

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, सोमवार, 28 अप्रैल 2014 (08:49 IST)
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इस्लामाबाद। कारगिल युद्ध का एक सच बाहर निकल कर आया है। इस युद्ध के दौरान अमेरिका ने पाकिस्तान को वहां से हटने को कहा था। इस बात का खुलासा किया है कारगिल युद्ध के समय अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत रहे रियाज खोखर ने।

पाकिस्तानी सैनिकों के नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ के करीब 15 साल बाद इस्लामाबाद साहित्य महोत्सव में खोखर ने कहा है कि कारगिल युद्ध के समय अमेरिका ने इस्लामाबाद को संदेश भेजा था जिसमें लिखा था कि भारत बेहद गुस्से में है लिहाजा जिन क्षेत्रों पर आपने कब्जा किया है वहां से हट जाएं।

कारगिल घुसपैठ पर पाकिस्तान को अमेरिकी डांट भी खानी पड़ी थी। यही नहीं अमेरिका ने पाकिस्तानी सेना के कदम को गैर-जिम्मेदार देश का निर्णय करार दिया था। खोखर ने इस्लामाबाद साहित्य महोत्सव में बताया कि वॉशिंगटन ने इस घुसपैठ के बाद उनसे कहा था कि भारत का गुस्सा बढ़ रहा है। आप उनके इलाके से अपने लोगों को बुला लें, वरना युद्ध का दायरा फैल सकता है।

अगले पन्ने पर और क्या कहा खोकर ने...



महोत्सव में युद्ध के 15 साल बाद हुई चर्चा में खोखर के अलावा पूर्व विदेश सचिव तारिक उस्मान हैदर और पत्रकार नसीम जेहरा ने हिस्सा लेकर इस संबंध में खुलकर अपने विचार रखे। तीनों ही वक्ताओं ने माना कि यह एक ऐसा युद्ध था, जिसे आसानी से टाला जा सकता था।

खोखर ने कहा कि अमेरिका ने इस घुसपैठ पर कभी हमारा समर्थन नहीं किया। हम घुसपैठ के भरोसेमंद कारणों को बताने में असफल रहे। इस युद्ध ने हमें एक गैर-जिम्मेदार देश बनाया।

उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को युद्ध के बारे में पूरी जानकारी देने को लेकर सेना में एकमत था। मगर, खोखर ने युद्ध का दायरा बढ़ने की आशंका से इंकार किया। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने केवल हमें डराने के लिए ऐसा कहा था क्योंकि भारतीय सेना की तरफ से ऐसा कोई कदम नहीं उठाया जा रहा था।

पत्रकार नसीम जेहरा ने कहा कि कारगिल एक ऐसा युद्ध था, जिस पर सेना को एक संस्था के तौर पर कभी सम्मानित नहीं महसूस करना चाहिए। चार जनरलों ने मिलकर एक ऐसी योजना बनाई जिसे त्रासदी के अलावा कुछ और नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध में नेतृत्व के लिए पाकिस्तानी सैनिकों को इनसे बेहतर जनरल मिलने चाहिए थे। (एजेंसी)

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