Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

खाँसी, छींक में होते हैं बीस हजार विषाणु

हमें फॉलो करें खाँसी, छींक में होते हैं बीस हजार विषाणु
हांगकांग (वार्ता) , मंगलवार, 12 मई 2009 (20:47 IST)
खाँसने या छींकने से पहले मुँह पर हाथ लगाने का कारण न ढूँढे, बल्कि इसे अपनी आदत में शुमार करना बेहद जरूरी है। वजह, एक बार छींकने से करीब बीस हजार विषाणु हवा में आ जाते हैं।

सिंगापुर विश्वविद्यालय के शोध के मुताबिक एक बार छींकने पर औसतन बीस हजार विषाणु बाहर निकलते हैं, जिससे उन लोगों के प्रभावित होने का ज्यादा खतरा रहता है, जिनका टीकाकरण नहीं हुआ हो।

विश्वविद्यालय के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के अस्पताल खंड की सलाहकार जूलिअन टांग ने बताया कि एक बार खाँसने में थूक के करीब तीन हजार कण बाहर आते हैं। इनका आकार एक से पाँच माइक्रोमीटर के बीच रहता है। उन्होंने बताया कि एक बार में इन्फ्लूएंजा के करीब 195 से 19500 विषाणु पैदा होते हैं।

ये विषाणु हवा में काफी देर तक सक्रिय बने रहते हैं और जब कोई व्यक्ति इनके पास से गुजरता है तो ये विषाणु उसे संक्रमित कर देते हैं।

ज्ञातव्य है कि फ्लू के नए वायरस एचवनएनवन इन्फ्लूएंजा या स्वाइन फ्लू के बढ़ते प्रसार को देखते हुए विश्वभर में व्यक्तिगत साफ-सफाई के लिए जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi