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दूषित पानी पीकर जिंदा थे खदान में

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कोपिएपो , शनिवार, 16 अक्टूबर 2010 (17:31 IST)
चिली के रेगिस्तानी इलाके में स्थित सेन जोस खदान में 69 दिनों तक ँसे रहने के दौरान खननकर्मी मोटर ऑइल मिला हुआ पानी पीकर जिंदा रहने की जद्दोजहद कर रहे थे।

हालाँकि इस त्रासदी से जुड़े अपने अनुभवों को लेकर कोई भी खननकर्मी अपनी जुबान नहीं खोल रहा है लेकिन सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार इन लोगों को कई दिनों तक मोटर आयल मिला पानी पीकर जिंदा रहना पड़ा। दरअसल खदान के धँसने के बाद इनके पास जो पानी मौजूद था, वह दो-तीन दिनों के ही भीतर समाप्त हो गया था। उसके बाद उन्होंने उस ड्रम से पानी पीना शुरू कर दिया जिसमें मोटर ऑइल की बूँदें भी गिरती रहती थीं।

वह तो भला हो उनकी सुरंग में बने उस बोरवेल का जिसकी मदद से बचावकर्मियों को यह पता चल पाया कि सभी खननकर्मी जिंदा हैं। उसके बाद तो पीने का साफ पानी, भोजन और हाइड्रेशन जेल इसी बोरवेल की मदद से खननकर्मियों के पास तक पहुँचाए जाने लगे। लेकिन हादसे के बाद के शुरुआती 17 दिन तो उन्हें मोटर ऑइल मिले दूषित पानी का ही आसरा रहा था।

खननकर्मियों ने सुरंग में मौजूद टायरों को भी जलाया ताकि धुएँ से सतह पर मौजूद लोगों को उनके जिंदा होने के बारे में पता चल सके। इसके अलावा उन्होंने सुरंग में विस्फोटकों में भी आग लगाई थी लेकिन वह आवाज भी बाहर बचावकर्मियों तक नहीं पहुँच सकी थी।

बहरहाल एक बार जब यह पता चल गया कि ये लोग जिंदा हैं तो उसके बाद उन्हें बाहर निकालने की रणनीति बनानी शुरू कर दी गई थी। प्रारंभ में विशेषज्ञों का अनुमान था कि बचाव कार्य में चार महीने लगेंगे लेकिन इंजीनियरों के कौशल और तत्परता के कारण यह काम दस दिनों में ही पूरा गया। जब गत बुधवार को ये लोग पाताल जैसी गहराई से निकाले गए और उन्होंने धरती की खुली हवा में साँस ली। (वार्ता)

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