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निर्वासन समझौते की प्रति जाली : शरीफ

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इस्लामाबाद (भाषा) , गुरुवार, 23 अगस्त 2007 (20:48 IST)
मुशर्रफ सरकार के साथ किसी तरह के निर्वासन समझौते की बात को खारिज करते हुए पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा कि सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में पेश की गई समझौते की प्रति 'जाली' है।

दैनिक द न्यूज ने अपदस्थ प्रधानमंत्री के हवाले से आज कहा यह एक फर्जी नाटक है। अगर कोई करार हुआ है तो उसकी छायाप्रतियों के वितरण की कोई आवश्यकता नहीं थी। सरकार मुझे और समूचे राष्ट्र को ब्लैकमेल कर रही है।

सरकारी वकीलों ने शरीफ और उनके भाई शाहबाज द्वारा दायर याचिका के जवाब में कल उच्चतम न्यायालय में निर्वासन करार की प्रति पेश की। याचिका में अधिकारियों को यह निर्देश जारी करने की माँग की गई थी कि वे इस साल होने वाले चुनावों में भाग लेने के लिए स्वदेश लौटने की उनकी राह में बाधा न खड़ी करें।

पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज के अध्यक्ष ने कहा कि मूल दस्तावेज उस व्यक्ति के पास होने चाहिए, जिसके साथ यह कथित समझौता किया गया था। वास्तविकता यह है कि ऐसा कोई समझौता नहीं हुआ है।

उन्होंने दावा किया मेरे लौटने की बात सुनने के बाद मुशर्रफ शासन 16 करोड़ लोगों पर आपातकाल लगाने की अफवाह फैला रहे हैं।

शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति रफीक तरार की प्रतिक्रिया सकारात्मक थी क्योंकि वह सब-कुछ जानते थे। मैंने माफी के लिए समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए थे और राष्ट्रपति तरार को लिखे गए पत्र में कोई समझौता नहीं था तथा यह सार्वजनिक दस्तावेज था जो अखबारों में प्रकाशित हुआ था।

अपदस्थ प्रधानमंत्री ने हालाँकि सऊदी अरब के साथ एक समझौते की बात स्वीकार की। मेरा मानना है कि इसका अनावश्यक प्रकाशन नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि यह अति संवेदनशील मामला है। हमारा मित्र राष्ट्र इस समझौते का पालन कर रहा है और हमें भी इसका पालन करना चाहिए।

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