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भारतीय दूतावास पर हमले की निंदा

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न्यूयॉर्क (भाषा) , मंगलवार, 8 जुलाई 2008 (21:50 IST)
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में भारतीय दूतावास पर आत्मघाती आतंकवादी हमले की विश्वव्यापी निंदा के बीच अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने आतंकवाद के सफाए के लिए भारत के साथ एकजुटता प्रदर्शित की।

उधर आत्मघाती हमले में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की संलिप्ता के संदेह की चर्चा के बीच अमेरिका ने इसकी जाँच में मदद की पेशकश की है।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने हमले की निंदा की और इस घृणित कार्य को आयोजित करने वाले उसे धन सुलभ कराने वाले तथा अन्य तरह से मदद करने वालों को न्याय के कठघरे में लाने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयास का आह्वान किया।

सुरक्षा परिषद ने सभी देशों की सरकारों से हमले की जाँच में अफगान अधिकारियों को सक्रिय रूप से सहयोग करने का भी आह्वान किया। परिषद के 15 सदस्यों ने पीड़ितों के परिजन तथा भारत और अफगानिस्तान की सरकारों और दोनों देशों के अवाम के प्रति संवेदना भी जाहिर की।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून तथा संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष एस. करीम ने हमले की निंदा करते हुए हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय के कठघरे में लाने का आह्वान किया।

बान ने एक अलग बयान में कहा कि ऐसे निंदनीय कार्य को किसी भी तरह न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता। करीम ने सर्वसम्मत अध्यक्षीय वक्तव्य में कहा कि ऐसी आतंकवादी गतिविधि किसी भी रूप में अमान्य हैं, चाहे उसे कोई भी कहीं भी किसी भी मकसद से अंजाम दे।

सप्पोरो (जापान) में चीनी राष्ट्रपति हू चिंताओ ने भारतीय दूतावास पर आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की। चिंताओ ने समूह-8 के शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह से मुलाकात में कहा कि हम आतंकवादी हमले की निंदा करते हैं तथा विस्फोट में मारे गए लोगों के परिजन के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हैं।

इस बीच अमेरिका ने इस हमले को क्षेत्र में शांति और स्थिरता लाने की कोशिशों को कमजोर करने की कार्रवाई बताया और इसकी जाँच में सहायता की पेशकश की।

इससे पहले सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति बुश के साथ आए अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा प्रवक्ता गार्डन जानद्रोए ने विस्फोट की निंदा करते हुए कहा कि अमेरिका, भारत और अफगानिस्तान के लोगों के साथ हैं।

इस बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री सईद यूसुफ रजा गिलानी ने आत्मघाती हमले में अपने देश की खुफिया एजेंसी की संलिप्तता से इनकार किया। दूसरी ओर अफगानिस्तान ने संकेत दिया था कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई इसमें संलिप्त हो सकती है।

पाकिस्तान की सत्तारूढ़ पीपीपी के नेता आसिफ अली जरदारी ने काबुल में भारतीय दूतावास पर आतंकवादी हमले को बर्बर और कायरतापूर्ण करार देते हुए कहा कि अमन के दुश्मनों ने क्षेत्र को अस्थिर करने के लिए इसे अंजाम दिया है।

मुस्लिम देशों के मंच इस्लामी सम्मेलन संगठन (ओआईसी) ने काबुल में भारतीय दूतावास पर आत्मघाती आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की है। ओआईसी के महासचिव प्रो. अकमलुद्दीन एहसानोगलू ने एक बयान में कहा कि इस तरह के आपराधिक कृत्य इस्लाम की शिक्षाओं के खिलाफ हैं।

विदेश संबंधों की यूरोपीय आयुक्त बेनिता फरेरो वाल्डर ने काबुल स्थित भारतीय दूतावास पर हमले की निंदा की। ब्रिटेन ने भी हमले की आलोचना की है।

ब्रिटेन के विदेशमंत्री डेविड मिलीबैंड ने कहा कि इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने वाले कभी सफल नहीं होंगे। ऑस्ट्रेलिया ने काबुल में भारतीय दूतावास पर कल हुए आतंकी हमलों की निंदा करते हुए कहा है कि आतंक का यह कृत्य अफगानिस्तान में शांति तथा स्थिरता लाने के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों को हतोत्साहित करने के लिए अंजाम दिया गया है।

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