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लोकतंत्र बहाली की दिशा में जरूरी कदम

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इस्लामाबाद (वार्ता) , रविवार, 4 नवंबर 2007 (09:43 IST)
पाकिस्तान के राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ ने देश में आपातकाल लागू करने के अपने फैसले को जायज ठहराते हुए आतंकवादी हमलों में तेजी और अत्यधिक न्यायिक सक्रियता को इसके लिए जिम्मेदार बताया। साथ ही उन्होंने इसे लोकतंत्र बहाली की दिशा में उठाया गया एक जरूरी कदम बताया।

पाकिस्तान में आपातकाल लगाए जाने के बाद आधी रात को जनरल मुशर्रफ ने टीवी पर अपने विचार रखे। यह वह समय था जब भारत-पाकिस्तान में ज्यादातर लोग सो चुके थे और अमेरिका जाग गया था।

मुशर्रफ ने कहा कि पाकिस्तान में पिछले दिनों सूरतेहाल तेजी से बदले हैं। दहशतगर्दी और कट्टरपंथी गतिविधियाँ अपने चरम पर पहुँच गई हैं। आतंकवादी हमलों में तेजी आई है और कट्टरपंथी सीनाजोरी से दनदनाते हुए पूरे मुल्क में घूम रहे हैं।

सैन्य प्रमुख ने अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य यूरोपीय देशों से अनुरोध किया कि वे पाकिस्तान में मानवाधिकारों के उस स्तर की अपेक्षा न करें, जो उन देशों में है।

न्यायपालिका पर हमला करते हुए पाकिस्तानी राष्ट्रपति ने कहा कि अदालतें कार्यपालिका और विधायिका के कार्यों में हस्तक्षेप कर रही हैं। वरिष्ठ अधिकारी अदालतों के चक्कर लगा रहे हैं और उन्हें बेइज्जत किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों का मनोबल बुरी तरह गिरा हुआ है और वे नाउम्मीदी के शिकार हैं। उनके अधिकारी कोई भी काम करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। विधायिका द्वारा बनाए जा रहे कानूनों को अदालतों में चुनौती दी जा रही है।

जनरल मुशर्रफ ने कहा कि मैं हर हाल में देश में लोकतंत्र स्थापित करना चाहता हूँ। इसके लिए मैंने एक विस्तृत योजना बनाई थी। पहले चरण में 1999-2002 के दौरान देश पर मेरा नियंत्रण रहा।

दूसरे चरण में 2002-2007 तक देश में लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार थी। पहली दफा सीनेट, नेशनल असेंबली और प्रांतीय असेंबलियों ने अपना कार्यकाल पूरा किया है।

उन्होंने हालात के लिए मीडिया को भी दोषी ठहराते हुए कहा कि कुछ चैनलों ने नकारात्मक रवैया अपनाते हुए हुकूमत के काम में रोड़े अटकाए। उन्होंने कहा कि मीडिया को आजादी मैंने ही दी, लेकिन अफसोस है कि मीडिया ने नकारात्मक सोच को रोकने में कोई मदद नहीं दी, बल्कि उसे बढ़ावा दिया।

मैं मानता हूँ कि मीडिया को स्वतंत्र होना चाहिए, लेकिन इसके साथ ही कौम के प्रति उसे जवाबदेह होना भी जरूरी है। पाकिस्तानी राष्ट्रपति ने कहा कि देश के मौजूदा सूरतेहाल से आर्थिक विकास पर बुरा असर पड़ रहा है। निवेशक यहाँ अपना पैसा लगाने से कतरा रहे हैं।

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