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वसीयत भी लिख दी थी ओसामा ने

हमें फॉलो करें वसीयत भी लिख दी थी ओसामा ने
वॉशिंगटन , सोमवार, 30 नवंबर 2009 (19:26 IST)
अफगानिस्तान की तोरा-बोरा पहाड़ियों में स्थित अड्डे में दिसंबर 2001 में अमेरिकी सैनिकों ने विश्व के सबसे वांछित आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को घेर लिया था और मौत को निकट मानकर उसने अपनी वसीयत भी लिख डाली थी। हालाँकि अमेरिकी सैन्य अधिकारियों ने पीछे से कुमुक न भेजने के निर्णय से वह भाग निकला था।

बराक ओबामा प्रशासन की नई अफ-पाक नीति के जारी होने की पूर्व संध्या पर जारी अमेरिकी संसद की इस रिपोर्ट के मुताबिक ओसामा बिन लादेन पकड़ा या मार गिरा दिया जाता, यदि अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान में उसके छिपने के अड्डे में एक समन्वित अभियान चलाया होता।

तोरा-बोरा प्रकरण और लादेन को पकड़ने में विफलता पर तैयार इस 49 पन्ने की रिपोर्ट में लादेन का पता लगाने के लिए कुमुक (सैन्य टुकड़ी) भेजने की माँग को खारिज करने पर तत्कालीन अमेरिकी रक्षा मंत्री डोनाल्ड रम्सफेल्ड और उनके शीर्ष सैन्य कमांडर टॉमी फ्रैंक्स की ओर अँगुली उठाई गई है। इस रिपोर्ट को सीनेट की विदेशी मामलों की समिति के कर्मचारियों ने तैयार किया है।

समिति के अध्यक्ष जॉन केरी के नेतृत्व में रिपोर्ट तैयार की गई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक लादेन पूर्वी अफगानिस्तान की पहाड़ियों में फँस गया था। लादेन की मौत निकट आ गई थी और उसने अपनी वसीयत तक लिख डाली थी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 16 दिसंबर या उसके आसपास अपनी वसीयत लिखने के बाद लादेन अपने साथ चल रहे अंगरक्षकों के साथ सुरक्षित तोरा-बोरा से भाग निकला और पाकिस्तान के कबाइली क्षेत्र में गायब हो गया। अधिकतर विश्लेषकों का मानना है कि वह अब भी जीवित है।
इस रिपोर्ट के अनुसार कि अभियान के समय छिपने के अड्डे पर अपने अफगान साथियों के साथ 100 से भी कम अमेरिकी कमांडो उपस्थित थे और हमला करने के लिए कुमुक भेजने की उनकी माँग खारिज कर दी गई। पनाहगाह माने-जाने वाले कुछ ही मील की दूरी पर स्थित पाकिस्तान के क्षेत्र को जाने वाले पर्वतीय रास्ते को बंद करने के लिए अमेरिकी सैनिकों के लिए अनुरोध को भी खारिज कर दिया गया।

रिपोर्ट के अनुसार कि अमेरिकी सैन्य पंक्ति में सटीक निशाना लगाने वाले दलों, मेरिन कोर के सचल डिविजनों और सेना को दूर रखा गया था। साथ ही यह भी कहा गया है कि लादेन पर हमले करने के लिए अमेरिकी कमान ने हवाई हमले पर और अप्रशिक्षित अफगान मिलिशिया तथा भागने के रास्तों को रोकने के लिए पाकिस्तान की फ्रंटियर कोर पर अधिक भरोसा जताया।

लादेन का पीछा करने के लिए अमेरिकी सैनिक न तैनात करने या उसके भागने के रास्ते को बंद करने का निर्णय रम्सफेल्ड और फ्रैंक ने लिया था। (भाषा)

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