Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

‘विदेश प्रसारणों ने भारत की अलग पहचान बनाई’

जर्मन रेडियो डॉयचे वेले की हिन्दी सेवा के 45 साल पूरे

हमें फॉलो करें ‘विदेश प्रसारणों ने भारत की अलग पहचान बनाई’
बॉन (जर्मनी) , रविवार, 16 अगस्त 2009 (12:26 IST)
पूर्व केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद का कहना है कि जर्मन रेडियो डॉयचे वेले और दूसरे देशों की ऐसी विदेश प्रसारण सेवाओं ने दुनिया भर में भारत की अलग पहचान बनाई और इससे हिन्दी भी लोकप्रिय हुई।

DW
जर्मन रेडियो डॉयचे वेले की हिन्दी सेवा के 45 साल पूरे होने पर पूर्व सूचना प्रसारण मंत्री प्रसाद ने इसे बधाई दी और डॉयचे वेले के निष्पक्ष और भरोसेमंद समाचारों की तारीफ की। उन्होंने कहा कि ये भारत के संस्कार, भारत की भाषा और भारत के व्यक्तित्व की सार्थक विजय है। उन्होंने डॉयचे वेले की हिन्दी प्रसारण की अहमियत बताते हुए कहा कि पूरी दुनिया के लोग रेडियो पर यह कार्यक्रम सुन सकते हैं और विदेशों में रहने वाले भारत के लगभग दो करोड़ लोगों के लिए हिन्दी में कार्यक्रम सुनना निश्चित ही सुखद अहसास होगा।

जर्मनी के विदेश प्रसारण सेवा ने 15 अगस्त, 1964 को हिन्दी रेडियो सेवा की शुरुआत की। रेडियो के शॉर्ट और मीडियम वेब पर प्रसारित होने के बावजूद 45 साल बाद आज भी डॉयचे वेले हिन्दी का एक बड़ा श्रोता वर्ग है। जर्मन रेडियो ने हाल ही में इंटरनेट के जरिये हिन्दी बेल्ट की नब्ज टटोलने की कोशिश की। आठ महीने पहले शुरू हुई डॉयचे वेले हिन्दी की वेबसाइट तेजी से विकास कर रही है और इसने हिन्दी समाचारों की दुनिया में पहचान बना ली है।

रविशंकर प्रसाद ने भारतीय मीडिया को एक महान शक्ति बताते हुए कहा कि लोकतंत्र को मजबूत बनाने में आजाद मीडिया का भी बड़ा रोल रहा है। उन्होंने कहा कि कुछेक मौकों पर भारतीय मीडिया ‘अति’ कर देता है, फिर भी इसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी मजबूत पहचान बना ली है।

इस मौके पर डॉयचे वेले के दक्षिण एशिया प्रमुख ग्राहम लूकस ने बताया कि भारत में इंटरनेट और हिन्दी की विशाल संभावनाओं को देखते हुए डॉयचे वेले द्वारा हिन्दी के विस्तार का फैसला किया गया है। लूकस ने कहा कि हम तेजी से बदलती तकनीक के साथ मिलकर चलने की कोशिश कर रहे हैं। इंटरनेट पेज शुरू करने के साथ ही हमने पॉडकास्ट और ऑडियो स्ट्रीमिंग जैसी सुविधा शुरू कर दी है।

लूकस ने बताया कि डॉयचे वेले की कोशिश हिन्दी के श्रोताओं और पाठकों तक प्रमुख समाचारों के अलावा दुनियाभर की ऐसी ख़बरें पहुँचाना है, जो उन्हें कहीं और नहीं मिलतीं। डॉयचे वेले ने भारत में पकड़ मजबूत बनाने के लिए हाल के दिनों में यहाँ की कुछ बड़ी मीडिया संस्थाओं के साथ समझौता भी किया है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi