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खराब पिचों के लिए एटकिन्सन जिम्मेदार

हमें फॉलो करें खराब पिचों के लिए एटकिन्सन जिम्मेदार
नई दिल्ली , रविवार, 8 मई 2011 (18:24 IST)
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भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने जहां आईपीएल में लगातार निशाने पर रही पिचों को लेकर मौन साध रखा है वहीं कई वर्षों तक फिरोजशाह कोटला के क्यूरेटर रहे राधेश्याम शर्मा ने विकेटों के बिगड़ते मिजाज के लिए आईसीसी के पिच सलाहकार एंडी एटकिन्सन को जिम्मेदार ठहराया।

इंडियन प्रीमियर लीग में दिल्ली, जयपुर, कोच्चि और कोलकाता की पिचें शुरू से ही खिलाड़ियों के निशाने पर हैं। सचिन तेंडुलकर, वीरेंद्र सहवाग, महेला जयवर्धने, गौतम गंभीर भी ने समय-समय पर इनकी आलोचना की। ऑस्ट्रेलियाई ब्रैड हाज ने तो कुछ पिचों को निम्नस्तरीय भी बताया कि लेकिन भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने इस पर चुप्पी साध रखी है।

बीसीसीआई की पिच एवं ग्राउंड समिति के अध्यक्ष वेंकटसुंदरम से जब इस संदर्भ में संपर्क किया गया तो उन्होंने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़कर बीसीसीआई सचिव एन श्रीनिवासन से बात करने की सलाह दे डाली। उन्होंने कहा कि मैं आईपीएल के बाद ही पिचों के बारे में बात करूंगा। आप चाहो तो (पिचों को लेकर) सचिव से बात कर सकते हो।
आईपीएल के दौरान कोलकाता, कोच्चि और दिल्ली की पिचों का मिजाज बल्लेबाजों के अनुकूल नहीं रहा। पिछले तीन दशक से भी अधिक समय से कोटला की पिच से जुड़े और डीडीसीए के पिच सलाहकार राधेश्याम शर्मा की मानें तो भारतीय पिचों की इस दशा के लिए एटकिन्सन जिम्मेदार हैं।

शर्मा ने कहा कि मैं भी कोटला की पिच से संतुष्ट नहीं हूं, लेकिन हम कुछ नहीं कर सकते। इसके लिए स्थानीय क्यूरेटर दोषी नहीं हैं क्योंकि ये पिचें एटकिन्सन की सलाह पर तैयार की गयी थी। स्थानीय क्यूरेटरों की तो सुनी ही नहीं गई।

उन्होंने कहा बाकी पिच मैंने अपने ग्राउंडसमैन के साथ मिलकर तैयार की थी और उस पर अच्छी घास उगी है। हमने देशी तरीके से घास उगाई थी। मैं अपने ग्राउंड्समैन की बात सुनता हूं लेकिन आईसीसी सलाहकार ने ग्राउंड्समैन की बात नहीं सुनी।

आईपीएल में शुरू से ही पिचों को लेकर खिलाड़ी नाखुश दिखे लेकिन यह बड़ा मुद्दा तब बना जब मुंबई इंडियन्स के कप्तान तेंडुलकर ने जयपुर के सवाई मानिसंह स्टेडियम की पिच की आलोचना की। तेंडुलकर ने कहा था कि इस पिच पर बल्लेबाजी करना आसान नहीं था, जिसके लिए राजस्थान रॉयल्स के लोगों ने उनकी आलोचना भी की थी।

कोच्चि टस्कर्स केरल के कप्तान महेला जयवर्धने शुरू से ही कोच्चि के नेहरू स्टेडियम की पिच से नाखुश दिखे। उन्होंने कह कि मैं कोई बहाना नहीं बना रहा हूं लेकिन पिछले कुछ मैच हमने औसत दर्जे की पिचों पर खेले। इस तरह की पिचों पर खेलना चुनौती है लेकिन आपको इससे तालमेल बिठाना होगा।

आईपीएल में जयवर्धने के ही साथी ब्रैड हाज ने कई स्थानों की पिच पर सवाल उठा दिए थे। उन्होंने कहा था कि राजस्थान के विकेट को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ विकेट नहीं कहा जा सकता। दिल्ली के अलावा कोलकाता, जयपुर और यहां (कोच्चि) के दो विकेट निम्नस्तरीय हैं।

पूर्व भारतीय कप्तान रवि शास्त्री को भी कोलकाता, दिल्ली और कोच्चि की पिचें साधारण लगी थी। तेंदुलकर ने जब मैच के बाद पुरस्कार समारोह में जयपुर की पिच की आलोचना की थी तो शास्त्री ने ही उनसे सवाल पूछा था। उन्होंने तेंदुलकर को गलत नहीं ठहराया लेकिन यह भी स्वीकार किया था कि वह ऐसी पिच नहीं थी जिस पर 100 से कम रन बनते।

शास्त्री ने बाद में कहा था 'ईमानदारी से कहूं तो कोलकाता, दिल्ली और कोच्चि का एक विकेट इससे अधिक साधारण था। इनसे तुलना करें तो जयपुर की पिच काफी भिन्न थी और इनसे बेहतर थी।' (भाषा)

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