आईपीएल में चोटिल खिलाड़ियों की लगातार बढ़ती संख्या ने टीमों के कप्तान और कोच के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है। एकाध टीमों को छोड़कर हर टीम के खिलाड़ी चोट की समस्या से त्रस्त हैं।
इसका सबसे बड़ा खामियाजा तो पूर्व चैम्पियन राजस्थान रॉयल्स की टीम का भुगतना पड़ रहा है। टीम के कोच और कप्तान शेन वॉर्न हैमिस्ट्रिंग के कारण अगले दस दिनों तक आईपीएल के मैच नहीं खेल पाएँगे।
एक तो पहले से ही टीम कई प्रमुख खिलाड़ियों के बिना खेल रही है ऊपर से शेन वॉर्न का चोटिल होना टीम के लिए किसी वज्रपात से कम नहीं है। इसके अतिरिक्त टीम के नए सितारे तेज गेंदबाज कामरान खान भी घुटने की चोट के कारण आगे के मैचों में नही खेल पाएँगे।
दिल्ली डेयरडेविल्स के कप्तान वीरेन्द्र सहवाग अँगुली में चोट के कारण, उमेश यादव स्ट्रेस फ्रैक्चर के कारण और मनोज तिवारी हाथ में चोट के कारण मैच नहीं खेल पा रहें हैं।
मुंबई इंडियंस की टीम के तेज गेंदबाज जहीर खान कंधे की चोट के कारण और शिखर धवन क्षेत्ररक्षण के दौरान लगी चोट के कारण टीम को अपनी सेवाएँ नहीं दे पा रहें हैं।
उधर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की टीम के तेज गेंदबाज डेल स्टेन, एस अरविंद और पंकज सिंह भी चोटिल होकर टीम के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं।
किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाडी भी आईपीएल की शुरुआत में चोटिल खिलाड़ियों से परेशान थी। ब्रेट ली और श्रीसंथ चोट के कारण आईपीएल के प्रारंभिक दौर में पंजाब की टीम को अपनी सेवाएँ नहीं दे सके।
चोटिल खिलाड़ियों की समस्या के कारण आईपीएल का रोमांच कम हो गया। अबूधाबी में ऑस्ट्रेलिया- पाकिस्तान सिरीज खत्म होने के बाद क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने पिछले आईपीएल के 'मैन ऑफ द सिरीज' शेन वॉटसन, जेम्स होप्स और नाथन ब्रेकन को चोट के कारण खेलने नहीं दिया।
इस संबंध में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में गेंदबाजों के प्रशिक्षक और दिल्ली की टीम के गेदबाजी कोच का कहना है कि चोट गेंदबाजों की जिंदगी का अहम हिस्सा है और इससे बचा तो नहीं जा सकता है। हाँ इसे कम जरूर किया जा सकता है।